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लोहड़ी के दिन अग्नि में क्यों डाली जाती है रेवड़ी-मूंगफली? जानिए इस परंपरा के बारे में

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Jan, 2025 04:33 PM
लोहड़ी के दिन अग्नि में क्यों डाली जाती है रेवड़ी-मूंगफली? जानिए इस परंपरा के बारे में

नारी डेस्क: लोहड़ी का त्यौहार उत्तरी भारत, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान लोग आग जलाकर उसमें रेवड़ी, मूंगफली, गजक और मक्का के दाने अर्पित करते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से 

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लोहड़ी पर अग्नि में अर्पण का महत्व

लोहड़ी को फसल कटाई के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह समय रबी की फसल, विशेष रूप से गेहूं, की कटाई के बाद आता है। अग्नि में रेवड़ी, मूंगफली, गजक, और मक्का चढ़ाने का मतलब होता है कि हम प्रकृति और भगवान को उनकी कृपा के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।  लोहड़ी के दौरान अग्नि को पवित्र माना जाता है। इसमें अर्पित की गई चीजें देवताओं को अर्पित मानी जाती हैं। यह मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार की समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

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रेवड़ी और मूंगफली का महत्व

रेवड़ी और मूंगफली सर्दियों में ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ हैं। इन्हें अग्नि में डालने से यह संकेत मिलता है कि हम आने वाले समय में समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं। यह परंपरा सामाजिक एकता को भी दर्शाती है। सभी लोग मिलकर अग्नि में यह अर्पण करते हैं, जिससे आपसी प्रेम और भाईचारा बढ़ता है।

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परंपरा की शुरुआत

इस परंपरा की शुरुआत वैदिक काल से जुड़ी हुई मानी जाती है, जब यज्ञों में अग्नि को देवताओं का प्रतिनिधि माना जाता था। फसल कटाई के बाद यज्ञ कर अन्न और अन्य चीजें अर्पित की जाती थीं।  एक अन्य लोककथा के अनुसार, दुल्ला भट्टी नामक एक व्यक्ति ने मुगलों के अत्याचार से कई लड़कियों को बचाया था। उसने उनके विवाह की व्यवस्था भी की थी। लोहड़ी के दौरान उसकी वीरता को याद करते हुए लोग अग्नि में खाद्य पदार्थ चढ़ाते हैं।

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