23 DECMONDAY2024 1:58:43 AM
Nari

महिला चीफ जस्टिस बनने का आ गया समय, जज बन करेंगी न्याय

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 16 Apr, 2021 01:04 PM
महिला चीफ जस्टिस बनने का आ गया समय, जज बन करेंगी न्याय

घर का काम हो या ऑफिस का... आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही हैं। हालांकि न्यायपालिका के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा दिखाई नहीं दे रही। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए एक फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के भारत का प्रधान न्यायाधीश बनाया जाए। 

PunjabKesari

घरेलू जिम्मेदारियों के कारण महिलाएं नहीं बनती जज 

हाईकोर्ट में अस्थायी जजों की नियुक्ति से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सूर्यकांत की विशेष पीठ महिला वकीलों में से जज चुनने की परेशानियों पर विचार किया गया। चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, अक्सर देखा जाता है कि महिला वकीलों को जब भी जज बनने का प्रस्ताव दिया जाता है तो वह घरेलू जिम्मेदारियों या बच्चों की पढ़ाई का हवाला देकर प्रस्ताव को ठुकरा देती हैं।

PunjabKesari

महिलाओं की सहभागिता जरूरी

पीठ कहा कहना है कि समाज के विकास और लैंगिक समानता में न्याय करने के लिए महिलाओं की सहभागिता बेहद जरूरी है। हालांकि इस याचिका पर कोर्ट ने फिलहाल किसी भी तरह का नोटिस जारी करने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वे महिलाओं के हित में हैं लेकिन इसके लिए किसी योग्य उम्मीदवार की जरूरत है। 

PunjabKesari

हाईकोर्ट में सिर्फ 70 महिला जज

एसोसिएशन के मुताबिक हाईकोर्ट में स्थायी और एडिशनल जजों की क्षमता 1,080 है। जिनमें 661 जज हैं और उनमें से 70 महिला जज हैं। महिला जजों को लेकर दायर की गई याचिका में कहा गया है कि 25 हाईकोर्ट में से मणिपुर, मेघालय, पटना, त्रिपुरा और उत्तराखंड के 5 हाईकोर्ट में कोई भी महिला जज नहीं है। 

Related News