मां बनना ज़िंदगी का सबसे प्यारा और खास पल होता है। हालांकि इसके साथ- साथ मुश्किलें और चैलेंज भी आते हैं खासकर तब जब मां एक वर्किंग वुमन हों। एक तरफ काम का दबाव दूसरी तरफ घर की जिम्मेदारी और बच्चों की देखभाल, ऐसे स्थिति में महिलाओं को बेद परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर यह बात भी हम जानते हैं कि आज की महिला अपने अंदर छुपी हुई शक्ति को पहचानती है और अपने घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ नौकरी करके अपने करियर को संभालना भी जानती है । आज हम आपको उन महिला स्टार प्लेयर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने खेल और परिवार को ना सिर्फ अच्छे से मैनेज किया बल्कि बाकी महिलाओं के लिए मिसाल भी कायम की।
सानिया मिर्जा
सबसे पहले बात करतें हैं सानिया मिर्जा की जोटेनिस की दुनिया से कभी न ओझल होने वाला सितारा बन गई है। साल 2018 में बेटे इजहान मिर्जा मलिक को जन्म के बाद सानिया को नहीं लगता था कि वह दोबारा टेनिस खेल पाएंगी। मां बनने के बाद दोबारा शेप में आना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि 3 महीनों में वह 22 किलो वजन कम करने में कामयाब हो पाई। 15 महीने बाद जबरदस्त वापसी करते हुए सानिया ने होबार्ट इंटरनैशनल में युगल खिताब जीत कर सभी को हैरान कर दिया था।
मैरी कॉम
दुनिया की सबसे सफल एम्च्योर मुक्केबाजों में से एक मैरी कॉम ने अपने करियर के बीच घर की जिम्मेदारियों को नहीं आने दिया। लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकीं मैरी कॉम 3 बच्चों की मां बनने के बाद भी जिस तरह से रिंग में अपने मुक्कों से विरोधी को हराती रही वो समाज को हमेशा प्रेरित करेगा। इस दमदार भारतीय महिला बॉक्सर का मानना है कि उनका करियर उन महिलाओं के लिए एक आदर्श रूप में कार्य करेगा जो जीवन में उठना और चमकना चाहती हैं।
नेहा तंवर
दिल्ली की महिला क्रिकेटर नेहा तंवर ने ना सिर्फ अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाया बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने अंदर खेल के प्रति जुनून को भी जिंदा रखा। उन्हें 2014 में प्रिमेच्योर सिजेरियन डिलिवरी के बाद लंबा बेड रेस्ट करना पड़ा, इस दौरान उनका वजन भी 20 किग्रा बढ़ गया। कमजोरी इतनी की बड़ी मुश्किल से उठकर दो-चार कदम चल पाती थीं, लेकिन इस सब के बावजूद वह मैदान में उतरी और महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी।
गुरशरण प्रीत कौर
अब बात करते हैं उस धाकड़ महिला की बेटी के लिए 35 की उम्र में रिंग में उतरी थी। गुरशरण प्रीत कौर ने अपनी जिंदगी में कई उतार- चढ़ाव देखे।पति की पिटाई से ज्यादा अपने बुलंद हौसले और जज्बे से देश के लिए मेडल जीतकर उन्होंने पितृ सत्तात्मक समाज पर तमाचा मारा है। गुरशरण कहती हैं कि- "35 की उम्र में लोग संन्यास लेते हैं. लेकिन मैं अपनी बेटी के लिए एक बार फिर रिंग में जाना चाहती थी। मुझे उसके लिए मिसाल बनना है, ताकि वह मुझ पर पर गर्व करे"।
केरी वाल्श जेनिंग्स
इस लिस्ट में वॉलीबॉल की दुनिया में टॉप की खिलाड़ी रही केरी वाल्श जेनिंग्स का नाम भी शामिल है। उन्होंने 2012 के लंदन ओलम्पिक में जब स्वर्ण पदक जीता था तब वे पांच महीने की गर्भवती थीं। बाद में जिनिंग्स ने कहा था, ओलम्पिक खेलों के दौरान उनके शरीर ने संकेत देने शुरू कर दिये थे। उस समय वे 34 साल की थीं और एक बार उनका गर्भपात हो चुका था। इस सब के बावजूद उन्होंने अपने फैंस को कभी निराश नहीं किया।
सेरेना विलियम्स
दुनिया की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स 2017 में एक बेटी की मां बनी थी। उन्होंने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया था कि- जब उन्होंने अपनी बेटी एलेक्सिस ओलंपिया को जन्म दिया था तो उन्हें लग रहा था कि वह मर ही जाएंगी। वह बेटी के जन्म के बाद लगभग 6 हफ्ते बिस्तर पर रही और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस सब के बावजूद वह कामयाब मां के साथ-साथ एक कामयाब खिलाड़ी भी बनी रही।