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'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगें', इस National Best Friends Day पर सिखाएं बच्चों को दोस्ती के मायने

  • Edited By palak,
  • Updated: 08 Jun, 2023 11:03 AM
'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगें', इस National Best Friends Day पर सिखाएं बच्चों को दोस्ती के मायने

दोस्ती अपने आप में ही एक बहुत ही सुंदर शब्द है आज के जमाने में ऐसा कोई ही इंसान होगा जिसका कोई दोस्त नहीं होगा। खासकर बच्चों के तो बहुत दोस्त होते हैं। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनका कोई दोस्त नहीं होता ऐसे बच्चों को इंट्रोवर्ट कहते हैं। अगर आपका बच्चा भी इंट्रोवर्ट है तो यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप उसे दूसरे बच्चों के साथ दोस्ती करना सिखाएं। दोस्ती भी बच्चों की परवरिश का एक हिस्सा ही है। इंट्रोवर्ट होने के कारण उनके मानसिक विकास में रुकावट आ सकती है। दोस्ती कितनी जरुरी है इसके महत्व को बताने के लिए हर साल 8 जून 1935 को नेशनल बेस्ट फ्रेंड डे मनाया जाता है। ऐसे में आज आपको इस मौके पर बताते हैं कि बच्चों की जिंदगी में दोस्त कितने जरुरी होते हैं...

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ऐसे समझाएं दोस्ती का महत्व 

बच्चे हंसना, रोना, लड़ना और खेलना बचपन से ही सिख लेते हैं। ऐसे ही उन्हें दोस्ती का मतलब भी आप बचपन में ही समझाएं। उन्हें समझाएं कि जिंदगी में दोस्त कितने जरुरी हैं। दूसरों के साथ बातचीत करके बच्चों को पॉजिटिव रिलेशनशिप बनाने में भी मदद मिलेगी।

अच्छे दोस्त बनाने में करें मदद 

बच्चों के लिए हमेशा ऐसे ही दोस्त तराशें जो उनके लिए अच्छे हों। इसके अलावा उनके सामने कभी भी नेगेटिव बात न करें। दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। अपने दोस्तों को उन्हें खुश रखने के लिए कहें। उन्हें समझाएं कि दोस्तों के साथ मिलकर वह एक-दूसरे की सफलता और एक-दूसरे की खुशियां मनाएं। 

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बोलने का तरीका बताएं 

पेरेंट्स अपने बच्चों की बोलना का एक सही तरीका सिखाएं। उनको बताएं कि सभी के साथ उन्हें किस तरह से बोलना चाहिए और बात कैसे करनी चाहिए। इससे न सिर्फ उनकी दूसरे बच्चों से दूसरी होगी इसके अलावा वह अपनी बोलचाल के जरिए दूसरे लोगों की भी अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। 

शेयरिंग की आदत सिखाएं 

बच्चों को चीजें मिल बांटकर खाने की आदत डालें। इससे उनके दोस्त भी बनेंगे और वह सबके करीब भी आ पाएंगे। उदाहरण के तौर पर जैसे अगर उनकी क्लास में किसी बच्चे को पैंसिल या रबड़ की जरुरत है तो वह उसे दे सकते हैं इससे उनके मन में शेयरिंग की आदत पड़ेगी और दूसरे बच्चे भी इस आदत को देखकर उनसे दोस्ती करना चाहेंगे। 

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बच्चों को होशियार बनाएं पेरेंट्स 

पेरेंट्स अपने बच्चों को हमेशा होशियार और तेज बनाएं। जब बच्चे एक्टिव होंगे तो इससे न पूरी क्लास उनकी दोस्त बनेगी बल्कि वह क्लास में सबसे आगे भी रहेंगे और सबकी नजर में ऊंचे भी उठ पाएंगे। 

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