कल पूरे भारत में होली धूमधाम से मनाई जाएगी। होली पर बच्चे बहुत ही खुश दिखाई देते हैं क्योंकि त्योहारों के मौके पर उन्हें पढ़ाई से छुट्टी, मस्ती और आराम जो मिलता है परंतु होली सिर्फ खुशियां मनाने का जरिया होने के साथ-साथ इसे मनाने के पीछे कई कारण और परंपराएं भी जुड़ी होती हैं। इन परंपराओं के जरिए आप बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं। होली के त्योहार के जरिए आप बच्चों को ये 5 बातें सिखाकर उन्हें जीवन की एक अच्छी सीख दे सकते हैं। तो आइए आपको बताते हैं ऐसी बातें जो आप अपने बच्चों को बता सकते हैं...
समझाएं परिवार का महत्व
होली के त्योहार में परिवार साथ में रहते हैं जिसके जरिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। खासकर बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए परिवार का साथ और प्यार बहुत ही आवश्यक है। ऐसे में होली के समय आप परिवार वालों के साथ मिलकर पकवान तैयार करें, सजावट करें और इन सब में बच्चों को शामिल करें ताकि वह अपने परिवार के साथ जुड़ सकें।
एकता सिखाएं
बच्चों को अच्छी सीख देने के लिए आप उन्हें होली में जरुर शामिल करें। पूरे साल यदि आपके बच्चे मोहल्ले के बच्चों के साथ नहीं खेले तो होली पर उन्हें यह मौका मिल सकता है। त्योहार सभी को एक कर देते हैं। इसके अलावा होली के जरिए बच्चे सीख पाएंगे कि जीवन में उन्हें एक साथ आगे बढ़ना है। एकता के साथ बच्चे का व्यक्तितत्व और भी अच्छा बन पाएगा।
भेदभाव दूर करती है होली
होली पर हर धर्म के लोग मिलते हैं और अलग-अलग तरीकों से खुशियां बांटते हैं यही सीख आप बच्चों को भी दे सकते हैं। इसके जरिए वह भविष्य में टीमवर्क कर पाएंगे। इसके साथ उनके दिल में किसी के लिए भी भेदभाव पैदा नहीं होगा।
घमंड का होता है नाश
होली का त्योहार बच्चों को यह भी सीखाता है कि घमंड हमेशा हारता है, क्योंकि होली का त्योहार भक्त प्रह्लाद की जीत के रुप में मनाया जाता है। इस कहानी में यह भी बताया गया है कि कैसे वरदान के चलते होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाती हैं और अपने घमंड के कारण वह खुद ही उसमें जलकर भस्म हो जाती है। इससे बच्चों को यह शिक्षा भी मिलती है कि परिस्थिति चाहे कोई भी हो अंत में हार हमेशा घमंड की ही होती है।
गलती बताना सिखाएं
होली बुराई पर अच्छाई की जीत का भी त्योहार है ऐसे में आप हमेशा उन्हें अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें। उन्हें समझाएं कि गलती छुपाने से सही नहीं होती यदि उनसे गलती होती है तो उन्हें सुधारना भी उनकी जिम्मेदारी है। इससे बच्चों को आगे चलकर सही और गलत के बीच फर्क भी समझ आएगा।