भगवान विष्णु को एकादशी का तिथि अतिप्रिय है। हर महीने पड़ने वाली एकादशी अलग-अलग नाम से जाती है। माघ मास में पड़ने वाली एकादशी को षट्तिला एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की पूजा करने व व्रत रखने वाले को पापों से मुक्ति मिलती है। मगर इस शुभ तिथि पर व्रती को कुछ व्रत नियमों का पालन करना चाहिए। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इन मंत्रों का करें जाप
. ॐ विष्णवे नम:
. ॐ हूं विष्णवे नम:
. ॐ नारायणाय नम:
. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
एकादशी पर न करें ये काम
. इस दिन जुआ खेलने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे व्यक्ति के वंश का नाश हो सकता है।
. एकादशी तिथि पर सोना नहीं चाहिए। इस दौरान व्रती को रातभर भगवान विष्णु के मंत्रों का जप व जागरण करना चाहिए।
. इस दिन चोरी करने का पाप नहीं करना चाहिए। शास्त्रों अनुसार इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों को उसका पाप भोगने पड़ता है।
. व्रत दौरान व्रती को तामसिक भोजन खाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही बैगन और चावल खाने से भी परहेज रखना चाहिए।
. व्रती को अपने व्यवहार में संयम रखना चाहिए। इसके साथ ही झूठ बोलने से बचना चाहिए।
एकादशी के दिन करें ये काम
. व्रती एकादशी का व्रत निर्जला और फलाहारी या जलीय व्रत रखें। एकादशी व्रत के नियम अनुसार, पूरी तरह से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही निर्जला व्रत रखना चाहिए।
. सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय व्रत रखना चाहिए।
. जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए यह व्रत रख रहे हैं वे एकादशी तिथि पर भगवान कृष्ण के बाल रूप और श्री नारायण की उपासना करें।
. षटतिला एकादशी में तिल का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन तिल का उबटन लगाएं। पानी में तिल डालकर स्नान करें व पीएं।
. भगवान विष्णु की पूजा में भी तिल का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए श्रीहरि को तिल चढ़ाएं। इसके साथ ही तिल से व्यंजन बनाकर भगवान जी को भोग लगाएं। साथ ही खुद भी खाएं।
. इस दिन तिल का दान करना भी शुभ माना जाता है।
. षटतिला एकादशी इस बार शुक्रवार को पड़ रही हैं। यह दिन धन की देवी लक्ष्मी जी को समर्पित माना गया है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा करें।
pc: jansatta