आज बेशक समय बदल गया है। लोग लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट करने लगे हैं लेकिन आज भी कहीं न कहीं लड़कियां बंदिश भरी जिंदगी जीती हैं। उन्हें न ही बाहर ज्यादा देर तक रहने की अनुमति दी जाती है और न ही उन्हें सपने पूरे करने के लिए पूरी आजादी दी जाती है। लेकिन अगर आपके मन में कुछ करने का साहस हो तो आपको जीत हमेशा मिलती है और ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है आंध्रप्रेदश की समीरा खान ने। हम उसी समीरा खान की बात कर रहे हैं जिन्होंने साइकिल से ही 20 देशों की यात्रा की है और अब उनकी नजरें एवरेस्ट को पार करने पर है।
दुखों में बीता बचपन
हमारी लाइफ में मां की अहमियत सबसे ज्यादा होती है मां के बिना तो जिंदगी का हर रंग अधूरा है। समीरा जब 9 साल की थी तो उनकी मां का साया उनके सिर से उठ गया। इसके बाद जिंदगी से उन्हें एक और गम मिला जो था कि उनके पिता की भी मौत हो गई। ऐसे समय में भी समीरा रूकी नहीं और आगे बढ़ने का साहस रखा।
साइकिल से कर चुकी हैं 20 देशों की यात्रा
आपको बता दें कि समीरा अब तक 20 देशों की यात्रा कर चुकी हैं वो भी साइकिल से। वह एक सोलो ट्रेवलर है। इतना ही नहीं समीरा तो 6 हजार 858 मीटर ऊंचाई वाले अमा डबलाम की चढ़ाई कर चुकी हैं।
माउंट एवरेस्ट को फतह करने का देख रहीं सपना
20 देशों की यात्रा करने वाली समीरा का अब बस एक ही सपना है कि वह इससे भी आगे बढ़े। और अब समीरा एवरेस्ट की चढ़ाई करना चाहती है। इसमें एक खास बात यह है कि समीरा नेपाल की तरफ से नहीं बल्कि तिब्बत की तरफ से एवरेस्ट की चढ़ाई करना चाहती है और आपको बता दें कि तिब्बत की तरफ से यह सफर ज्यादा मुश्किल होता है लेकिन समीरा का यही सपना है कि वह इसे पार करे।
काम करके जोड़े पैसे और की ट्रैवलिंग
समीरा जब दंसवी क्लास में थी तब उन्होंने मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी का कोर्स किया। हालांकि परिवार में आर्थिक तंगी थी जिसके कारण उन्होंने बीपीओ की नौकरी भी की और इससे जो भी पैसा मिला उसे बचाकर ट्रैवलिंग पर लगाया। बता दें कि अब तक समीरा उत्तराखंड, नेपाल, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम और भूटान की ट्रैकिंग कर चुकी हैं।
खुद पर बनाना चाहती हैं डॉक्यूमेंट्री
एवरेस्ट पार करने वाली समीरा एक किताब भी लिखना चाहती हैं और वह खुद पर डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहती हैं। समीरा की मानें तो आज के समय में परिवार वालों को बेटियों को पूरा सपोर्ट करना चाहिए। हालांकि समीरा ने खुद की लाइफ में तो बहुत सारी प्रॉब्लमस को देखा है लेकिन वह आज बाकी महिलाओं के लिए मिसाल बनना चाहती हैं। फिलहाल वे हैदराबाद के केपलर होम सिनेमा में अपनी इंटरप्रेन्योरशिप के जरिये लोगों को प्रभावित कर रही हैं।