वैसे तो फिलहाल के लिए ऊना के मशहूर श्री चिंतपूर्णी मंदिर में लगी लिफ्ट बंद है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका नहीं मिलेगा। बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालु मां चितांपूर्णी के दर्शन में प्राथमिकता का आधार होंगे। यह आदेश एसडीएम के आधार पर होंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले एसडीएम अंब विवेक महाजन ने खुद मंदिर के सारे रास्तों का निरीक्षण किया।
एसडीएम अंब विवेक महाजन ने जायाज लेने के बाद मंदिर के स्टाफ के साथ बैठक की और व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर चर्चा की। बैठक में इस बात को लेकर ज्यादा जोर दिया गया कि कैसे बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करवाएं जाएं। वहीं वीआईपी व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक के दौरान मंदिर के पुजारियों से भी सुझाव लिए गए।
वीईपी लोगों के लिए की जाएगी अलग से व्यवस्था
बैठक के उपरांत एसडीएम अंब विवेक महाजन ने बताया कि मंदिर में आने वाले दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए एक दो दिन में पास सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। यह पास एडीबी भवन में मिलेगा।
इसके बाद इस श्रेणी के श्रद्धालुओं को कैंची गेट और निकासी गेट से सुरक्षा कर्मी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देंगे। उन्होंने बताया कि वीआईपी लोगों के लिए भी जल्द अलग से व्यवस्था बनाई जाएगी।एसडीएम ने बताया कि मंदिर रोड पर वाहनों की आवाजाही पर भी सख्ती बरती जाएगी। लोडेड वाहनों को मंदिर भेजने का समय रात आठ बजे के बाद किया जाएगा। किसी भी श्रद्धालु की गाड़ी को होटलों में भेजने के अलावा मंदिर रोड पर नहीं भेजा जाएगा।
पूर्व में क्या थी व्यवस्था
बता दें कि पहले वीआईपी, बुजुर्ग, दिव्यांग और मरीज को लिफ्ट के माध्यम से सीधे मां चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचते थे।इस दौरान लिफ्ट के पास सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं। यहां जांच पड़ताल के बाद ही श्रद्धालु को भेजा जाता था। छुट्टी वाले दिनों में ज्यादा भीड़ होने पर लिफ्ट के पास जमघट लग जाता है। लिफ्ट से श्रद्धालुओं को भेजने के कारण कतार में लगे श्रद्धालुओं को छह से आठ घंटे इंतजार करना पड़ता है। इस कारण व्यवस्थाएं बिगड़ जाती हैं। जिसके चलते लिफ्ट पूरी तरह से बंद कर दी गई।अब पास सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई गई जा रही है।