नारी डेस्क: भारतीय संस्कृति और परंपरा में महाभारत को एक महान ग्रंथ और इतिहास का प्रतीक माना गया है। लेकिन वास्तु और धार्मिक दृष्टिकोण से इसे घर में रखने को लेकर कुछ विशेष मान्यताएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि महाभारत ग्रंथ को रखने या पढ़ने से घर में कलह उतपन्न होता है और परिवार के सदस्यों के बीच वाद विवाद जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं।
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नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है ये ग्रंथ
महाभारत युद्ध और संघर्ष का प्रतीक है, जिसमें पांडवों और कौरवों के बीच हुए परिवारिक विवाद को दर्शाया गया है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत घर में रखने से परिवार में कलह और विवाद की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह ग्रंथ नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है, जो घर के सदस्यों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रभाव
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में ऐसी चीजें रखनी चाहिए जो शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार करें। महाभारत को युद्ध और विनाश का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे घर में रखने से अस्थिरता और मानसिक तनाव हो सकता है। यह विचार भी है कि महाभारत में लिखी गई कहानियां गृहस्थ जीवन के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
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धार्मिक दृष्टिकोण
महाभारत का संबंध भगवान कृष्ण से है, जो धर्म और न्याय की स्थापना के लिए कार्य करते हैं। इसे धार्मिक रूप से पढ़ा और समझा जाता है, लेकिन इसे मंदिर या पूजा स्थल के बाहर रखना अनुचित माना जाता है। महाभारत की कहानियों को समझने और अपनाने के लिए इसे विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक संदर्भ में पढ़ा जाना चाहिए।
क्या इसे पूरी तरह त्यागना चाहिए?
महाभारत को पढ़ना या सीखना गलत नहीं है, बल्कि यह नैतिक और जीवन के सबक सिखाने वाला ग्रंथ है। इसे घर में रखने के बजाय पुस्तकालय या अध्ययन कक्ष में रखना अधिक उचित माना जाता है। इसे समझदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण से पढ़ना चाहिए। यदि आप महाभारत पढ़ना चाहते हैं तो इसे किसी शुभ मुहूर्त में शुरू करें। इसे सही स्थान पर रखें और नियमित रूप से साफ करें। घर में शांति बनाए रखने के लिए भगवद गीता या अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।