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बालों की खूबसूरती नहीं बल्कि कैंसर और किडनी की बीमारियों का जोखिम बढ़ाएगा Keratin, जानें कैसे

  • Edited By palak,
  • Updated: 11 Apr, 2024 10:42 AM
बालों की खूबसूरती नहीं बल्कि कैंसर और किडनी की बीमारियों का जोखिम बढ़ाएगा Keratin, जानें कैसे

इन दिनों बाल स्ट्रेट करवाने का चलन काफी बढ़ गया है। रुखे और कमजोर बालों को एक नया लुक देने के लिए लड़कियां इन दिनों केराटीन ट्रीटमेंट लेती हैं, लेकिन क्या यह हेयर ट्रीटमेंट बालों के लिए सही है। कहीं आपका यह ट्रीटमेंट किडनी संबंधी बीमारियों और कैंसर को तो बढ़ावा नहीं दे रहा। हाल ही में आई रिपोर्ट्स की मानें तो बार-बार केराटीन ट्रीटमेंट लेने के कारण से एक 26 साल की महिला की मौत हो गई। केराटीन ट्रीटमेंट उस महिला की जान का कारण बन गया। लेकिन यह ट्रीटमेंट किडनी और कैंसर संबंधी बीमारियों का कारण कैसे बन रहा है। आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं। 

किडनी को होगा नुकसान 

अब आप यह सोच रहे होंगे कि केराटीन ट्रीटमेंट के कारण किसी की मौत कैसे हो सकती है। इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ समय से केराटीन बेस कुछ हेयर ट्रीटमेंट वाले प्रोडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइल्ड की जगह अन्य खतरनाक रसायन ग्लाइकोलिक एसिड का इस्तेमाल हो रहा है। यह ग्लोइकोलिक एसिड खून में जम जाता है और बाद में यह एसिड ऑक्सलेट के रुप में बदल जाता है। इसके कारण बाद में किडनी को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि ग्लाइकेलिक एसिड मेटाबोलाइज होकर ग्लाइऑक्सिलिक एसिड बन जाता है जो अंत में ये ऑक्सालेट बनाता है, यही ऑक्सालेट किडनी की समस्या का कारण बनता है। बालों के रुखेपन, बेजान होने और स्ट्रेटनिंग जैसी चीजों के कारण ही केराटीन ट्रीटमेंट लॉन्च हुआ था। उस समय हेयर एक्सपर्ट्स ने कहा था कि जरुरत पड़ने पर साल में एक बार इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन फिर लोगों ने 6 महीने में दोबारा इस ट्रीटमेंट को कराना शुरु कर दिया। अब 3 महीने बाद लोगों ने हेयर ट्रीटमेंट लेना शुरु कर दिया है। जो लोग केराटीन ट्रीटमेंट का समान खरीदते हैं उनमें से कुछ लोग डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स ले लेते हैं और उसी का बालों में इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन यह प्रोडक्ट्स बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनका असर बालों पर गलत हो सकता है। 

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कैंसर भी बनेगा कारण 

केराटीन ट्रीटमेंट से सिर्फ किडनी ही नहीं बल्कि दूसरी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। केराटीन को लगाने से पहले उसे एक्टिवेट करना होता है। एक्टिवेट करने के लिए पहले हीट और दूसरी बार फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल होता है। पार्लर वाले तो ज्यादातर फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह कैंसर का कारण बन सकता है। कई मामलों में फॉर्मलडिहाइड के कारण त्वचा खराब हो जाती है जिसके कारण लोगों को इस वजह से सांस लेने में इतनी समस्या हुई है कि उन्हें ऑक्सीजन और इंजेक्शन लगाने पड़े। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि जरुरी हो तो साल के बाद ही यह ट्रीटमेंट लें। फॉर्मलडिहाइड से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने के कारण आंख, नाक और गले में जम जाता है जिससे शुरुआत में जलन, सांस संबंधी परेशानियां होती हैं। बाद में यही समस्याएं आगे चलकर कैंसर को बढ़ावा देती हैं। इसे लेकर साल 2022 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की ओर से किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इन रसायनों में निकलने वाले धुएं से महिलाओं में गर्भाश्य के कैंसर के मामले सामने आए हैं। 

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रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा 

26 साल की महिला जिसकी केराटीन ट्रीटमेंट के कारण मौत हुई। उसके स्वास्थ्य संबंधी जांच में पता चला कि जब उसने केराटीन ट्रीटमेंट लिए थे तो उसकी तबीयत खराब होने लगी थी। इस महिला ने साल 2020 से लेकर 2022 तक जितने बार भी केराटीन ट्रीटमेंट लिए उसे उल्टी, दस्त, बुखार और दर्द जैसी समस्याएं हुई। इसके अलाव उसे सिर में जलन और अल्सर जैसी समस्या भी हुई। बाद में महिला की किडनी फेल होने के कारण उसकी मौत हो गई। जांच रिपोर्ट में यह बात पता चला कि उसके खून में क्रिएटिनन का स्तर बहुत ज्यादा था जिसके कारण उसकी किडनी भी अच्छे से काम नहीं कर पा रही थी। उसके बालों में ऐसी स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाई गई थी जिसमें ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था। इसी कैमिकल के कारण से महिला का स्कैल्प जल गया। एसिड स्किन के जरिए किडनी तक अवशोषित हो गया था जिससे किडनी फेल हो गई थी। 

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