जोड़ों का दर्द का इलाज : अर्थराइटिस या जोड़ो का रोग एक एेसी समस्या है जिससे हर उम्र के लोग परेशान हैं। पहले ये रोग केवल बूढ़े लोगों को ही होता था। मगर अब नौजवानों में अर्थराइटिस की समस्या आम देखने को मिलती है। इस रोग का कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना है। इसके बढ़ने पर शरीर के जोड़ों में छोटे-छोटे क्रिस्टल जमा होने लगते हैं जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा इस समस्या को होने पर जोड़ो में सूजन भी होती है और रोगी को चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं। मगर इससे भी कोई फायदा नहीं होता। एेसे में अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करके अर्थराइटिस जैसी समस्या से राहत मिलती है।
जोड़ों के दर्द के घरेलू उपाए
ब्रोकली और गोभी
ब्रोकली में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेट, आयरन, विटामिन ए और सी, क्रोमियम पााया जाता है जो शरीर को हैल्दी रखने का काम करता है। इसके अलवा इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स, इंसुलिन ब्ल्ड शुगर को कंट्रोल में रखता है। ब्रोकली में पाए जाने वाले पौषक तत्व इन्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है। शरीर में खून की मात्रा बढ़ने से अर्थराइटिस की समस्या में फायदा मिलता है।
ओमेगा-3 एसिड
ओमेगा -3 फैटी एसिड का सेवन करने से भी कुछ ही दिनों में अर्थराइटिस की समस्या से राहत मिलती है। जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपनी डाइट में फिश ऑयल, एल्गी ऑयल, सैमन मछली को जरूर शामिल करें।
लहसुन
लहसुन की तासीर गर्म होती है। इसलिए गर्मियों में लहसुन कम खाना चाहिए। मगर रोजाना1 या 2 कली खाने से अर्थराइटिस रोगियों को फायदा होता है। इसमे पाये जाने वाले एंटी बायोटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण जोड़ों के दर्द से राहत पहुंचाता है।
फल और सब्जियां
अर्थराइटिस के मरीजों को रंग-बिरंगी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। सब्जी या फल का रंग जितना गहरा होगा वह उतने ही फायदेमंद होगी। हरी सब्जियों और फलों को खाने से शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है जो अर्थराइटिस की समस्या को दूर करने का काम करता है।
हल्दी
हल्दी में भी एंटी बायोटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, बीमारी फैलने वाले बैक्टिरियां को खत्म करने का काम करता है। अर्थराइटिस के मरीजों को हल्दी का सेवन जरूर करना चाहिए। इसको खाने से ना केवल दर्द से राहत मिलती है। बल्कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
बथुआ के पत्तों का रस
गठिया की दर्द से राहत पाने के लिए बथुआ का रस काफी कारगार है। रोजाना 15 ग्राम ताजे बथुआ के पत्तों का रस पीएं लेकिन इसके स्वाद के लिए इसमें कुछ न मिलाएं। इस उपाय को लगातार तीन महीने करने से दर्द से हमेशा के लिए राहत मिलेगी।