नारी डेस्कः सर्दी के मौसम में कोल्ड-कफ की समस्या बहुत जल्दी हो जाती है, अगर यह ठीक ना हो तो इंफेक्शन छाती तक पहुंच कर फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। छाती का संक्रमण (Chest Infection) लगातार खांसी, सीने में जकड़न और सांस फूलने की समस्या को बढ़ा देता है। छाती में संक्रमण का मतलब है कि फेफड़ों में दिक्कत होना। फेफड़ों में संक्रमण के मुख्य कारण वायरस और बैक्टीरिया होते हैं जब रोगी सांस लेता है तो रोगाणु फेफड़ों में जमा हो जाते हैं। चलिए आज चेस्ट इंफेक्शन से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी आपको बताते हैं।
छाती में संक्रमण होने के लक्षण| Chest Infection Symptoms
छाती में इंफेक्शन होने के कई तरह का संकेत शरीर में देखने को मिल सकते हैं जिनमें से सबसे आम लक्षण हैंः
लगातार खांसी होना जो कई दिनों और हफ्तों तक बनी रहे।
सांस लेने मे तकलीफ जैसे सांस फूलना या घरघराहट की आवाज
सीने में दर्द या बेचैनी जो खांसने या गहरी सांस लेने से बढ़ जाती है।
बुखार और ठंड लगना
थकान और कमजोरी महसूस होना
सिरदर्द , मांसपेशियों में दर्द
दिल की धड़कन तेज होना
पीला या हरे रंग का बलगम आना
छाती में संक्रमण होने के कारण | Chest Infection Hone Ke Karan
छाटी में इंफेक्शन होने के भी बहुत से कारण हैं जैसे सामान्य सर्दी, इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसे वायरस जो चेस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। ये वायरल एजेंट सांस नली में सूजन और जलन पैदा कर सकते हैं जिससे संक्रमण शुरू होता है।
कुछ जीवाणु, जैसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा और माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया, छाती के संक्रमण के लिए भी जिम्मेदार हो सकते हैं। छाती का यह संक्रमण काफी गंभीर होता है इसलिए इसमें एंटीबायोटिक उपचार की तुरंत आवश्यकता रहती है।
इसके अलावा जिनके लंग्स पहले ही कमजोर हैं, जिन्हें सांस से जुड़ी समस्या है जैसे, धुएं से एलर्जी, दमा, पुरानी फुफ्फुसीए बीमारी (सीओपीडी), सिस्टिक फाइब्रोसिस इन्हें चेस्ट इंफेक्शन का खतरा बहुत अधिक जल्दी होता है।
किसी बीमारी का पहले शिकार रहने वाले लोगों को यह इंफेक्शन जल्दी चपेट में ले सकती हैं। इम्यूनिटी कम होने पर, एचआईवी/एड्स, कैंसर से पीड़ित, या विशिष्ट चिकित्सा उपचार ले रहे लोगों को छाती में संक्रमण होने की अधिक संभावना रखते हैं।
धूल मिट्टी वाले वातावरण के संपर्क में आने से भी छाती का इंफेक्शन हो सकता है क्योंकि इससे भी श्वसन प्रणाली में सूजन हो सकती है।
घर पर छाती के संक्रमण का इलाज कैसे करें? Home Remedies Of Chest Infection
अगर छाती का संक्रमण कम है तो कभी कभार घर के कुछ आसान प्राकृतिक उपचारों की मदद से ही राहत मिल सकती हैं।
खुद को हाइड्रेटेड रखें
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेते रहे जिससे बलगम को पतला रखने और खांसी खत्म करने में मदद मिलेगी। रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी, हर्बल चाय या गर्म शोरबा पीएं। मीठे और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन ना करें क्योंकि यह सूजन को और बढ़ा सकते हैं।
शहद का सेवन करें
एक चम्मच शहद को गुनगुने पानी, हर्बल चाय में मिलाएं पीएं क्योंकि शहदको सूजन को शांत कर सकता हैं। इससे गले में खराश और खांसी कम होगी।
लहसुन का सेवन करें
लहसुन, बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने में बहुत ज्यादा मदद करता है। अपने भोजन में ताजा लहसुन की कलियां शामिल करें। आप दूध में एक-दो कलियां उबालकर भी पी सकते हैं।
अदरक का सेवन करें
लहसुन की तरह अदरक में भी सूजन-रोधी और कफ निस्सारक गुण होते हैं जो बलगम को पतला करने और खांसी को कम करने में मदद करते हैं। अदरक की चाय पीएं या अपने भोजन में ताज़ा कसा हुआ अदरक शामिल करें।
स्टीम लें
बलगम को ढीला करने और आपके वायुमार्ग को आराम देने के लिए स्टीम ली जा सकती हैं। इसके अलावा गर्म पानी से नहाएं, ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें या अपने सिर पर तौलिया लपेटकर गर्म पानी के कटोरे पर झुकें। तंबू बनाकर भाप लेंगे तो ज्यादा फायदा मिलेगा।
तेल की मालिश
पुदीना, नीलगिरी और थाइम जैसे कुछ आवश्यक तेल, सर्दी-खांसी रोकने में मदद करते हैं। इन तेलों की कुछ बूँदें को नारियल या जैतून के तेल में मिक्स करके छाती और गले की मालिश करें।
पर्याप्त आराम करें
इसमें व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है इसलिए जरूरी है कि पूरा आराम लिया जाए। ज्यादा थकान वाला काम करने से बचें और बीच बीच में रेस्ट लेते रहें।
सांस लेने वाले व्यायाम करें
सांस लेने वाले व्यायाम जैसे गहरी सांस लेना, ब्रीदिंग या पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग जैसी तकनीकें आज़माएं।
सीधे लेटने से बचें
सीधे लेटने से बचें क्योंकि इससे आपके वायुमार्ग को साफ करना मुश्किल हो सकता है इसलिए करवट लेकर सोएं। अतिरिक्त तकियों के साथ खुद को सहारा दें या रिक्लाइनर में सोएं।
छाती संक्रमण में होने पर डॉक्टरी इलाज | Chest Infection Ka Ilaj
1. डॉक्टर मरीज के लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और फिजिकल स्थिति के बारे में पूछेंगे और संक्रमण के लक्षणों की जांच आदि करेंगे।
2. छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन से फेफड़ों की स्थिति पता लगाई जा सकती हैं।
3. डॉक्टर बैक्टीरिया, वायरस या अन्य संक्रामक एजेंटों की पहचान करने के लिए रोगी के थूक या बलगम का टेस्ट करवा सकते हैं। एंटीबॉडी टेस्ट या ब्लड टेस्ट (सीबीसी) करवा सकते हैं।
4. स्पाइरोमेट्री या फेफड़े की कार्यक्षमता परीक्षण से रोगी की श्वसन क्षमता का आकलन किया जा सकता है और छाती के संक्रमण से जुड़ी किसी भी कमी की पहचान की जा सकती है।
छाती के संक्रमण का डॉक्टरी उपचार
चेस्ट इंफेक्शन का उपचार मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है जो अलग-अलग हो सकता है।
एंटीबायोटिक थेरेपी: डॉक्टर लक्षणों को देखते हुए एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं।
एंटीवायरल दवाएं: चिकित्सक वायरल छाती संक्रमण, जैसे कि इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाले संक्रमण की अवधि और गंभीरता को कम करने में मदद के लिए एंटीवायरल दवाएं लिख सकते हैं।
ब्रोंकोडायलेटर्स और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: ये छाती के संक्रमण की दवाएं वायुमार्ग को खोलने, सूजन को कम करने और छाती के संक्रमण वाले व्यक्तियों में सांस लेने में सुधार करने में मदद कर सकती हैं।
खांसी दबाने वाली और कफ निस्सारक दवाएंः डॉक्टर द्वारा लिखी खांसी की दवाएं छाती के संक्रमण को कम करके खांसी से छुटकारा दिला सकती है।
छाती में संक्रमण को कैसे रोकें? Chest Infection Treatment at home
इम्यूनिटी को मजबूत रखें। इसके लिए संतुलित व पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें ताकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहे और आप संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ सकें।
हाथ पैर की साफ-सफाई का ख्याल रखें। खासकर जब आप किसी पब्लिक प्लेस पर होकर आए हैं तो हाथ जरूर साफ करें। चेहरे को बार-बार छूने से बचें और खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकें।
धूम्रपान आपके श्वसन तंत्र को कमज़ोर कर सकता है और आपको छाती के संक्रमण के खतरे को बहुत अधिक बढ़ा सकता है।
अस्थमा, सीओपीडी या हृदय रोग जैसी समस्या है तो छाती में संक्रमण विकसित होने के आपके जोखिम बढ़ सकता हैं इसलिए रूटीन चेकअप जरूर करवाएं।
कुछ टीके, जैसे कि इन्फ्लूएंजा टीका और न्यूमोकोकल टीका है ये छाती संक्रमणों को रोकने में मदद कर सकते हैं।
डॉक्टर से चेकअप कब करवाना चाहिए?
छाती का इंफेक्शन बढ़ने पर कई तरह की दिक्कतें बढ़ सकती हैं जो काफी गंभीर भी हो सकती हैं। कुछ लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टरी चेकअप करवाएं।
खांसी लगातार बनी रहे।
सांस लेने में तकलीफ हो।
सीने में दर्द या बेचैनी हो।
तेज़ बुखार (101°F या 38.3°C से अधिक) हो।
खांसी में खून या गाढ़ा, रंगहीन बलगम आए।
छाती का संक्रमण कितने समय तक रह सकता है?
यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है और इसकी अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन ज़्यादातर वायरल छाती के संक्रमण 7-10 दिनों तक चलते हैं जबकि बैक्टीरियल छाती के संक्रमण 2-3 हफ़्ते या उससे ज़्यादा समय तक रह सकते हैं अगर उनका इलाज न किया जाए। डॉक्टरी सलाह पर ही दवाएं खाएं और तब तक लें जब तक डॉक्टरी कहे।
क्या छाती का संक्रमण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है?
अगर इंफेक्शन काफी बढ़ गया हो तो फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है जैसे निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, या फेफड़ों के फोड़े। ये उन व्यक्तियों में अधिक आम हैं जिन्हें सांस संबंधी समस्या है या जिनकी इम्यूनिटी कम है। ऐसे लोगों को तुरंत उपचार करवाना चाहिए।
छाती के संक्रमण के लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं?
छाती में इंफेक्शन होने पर अदरक, अदरक, लहसुन, हल्दी और शहद का सेवन करें। शहद, जो गले की खराश को शांत करता है और खांसी को कम करता है। शोरबा और सूप पीएं। विटामिन सी से भरपूर सब्जियां और फल, जैसे संतरे, शिमला मिर्च, और कीवी खाएं।
नोटः छाती में संक्रमण बहुत गंभीर हो सकता है और इसके लिए तुरंत इलाज की ज़रूरत हो सकती है. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.