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अगर मुंह खोलकर सोता है शिशु तो हो सकते हैं ये साइड इफेक्ट्स

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 24 Apr, 2025 02:49 PM
अगर मुंह खोलकर सोता है शिशु तो हो सकते हैं ये साइड इफेक्ट्स

नारी डेस्क: हर व्यक्ति का सोने का तरीका अलग होता है कोई करवट लेकर सोता है, कोई सीधे लेटकर, तो कोई मुंह खोलकर। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग और छोटे बच्चे सोते वक्त मुंह खोलकर सांस लेते हैं। यह आदत कुछ लोगों में सामान्य हो सकती है, लेकिन जब बात शिशुओं की हो, तो पेरेंट्स के मन में चिंता होना लाजमी है। कई बार देखा गया है कि बच्चे सोते समय मुंह खोलते हैं और माता-पिता उनका मुंह बंद करने की कोशिश करते हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद फिर से उनका मुंह खुल जाता है। तो क्या शिशुओं का मुंह खोलकर सोना सही है? आइए जानते हैं कि इसके पीछे की वजहें क्या हो सकती हैं, यह किन स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है, और इसे ठीक करने के क्या उपाय हैं।

शिशुओं का मुंह खोलकर सोना, क्या हो सकता है इसके पीछे कारण?

नाक बंद होना: जब शिशु की नाक बंद होती है, तो वे मुंह से सांस लेने लगते हैं।

बढ़े हुए एडेनोइड्स: नाक के पीछे स्थित यह ऊतक अगर बड़ा हो जाए तो सांस लेने में दिक्कत होती है।

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एलर्जी या संक्रमण: सांस की नली में सूजन या एलर्जी होने पर भी बच्चे नाक से सांस नहीं ले पाते।

चेहरे की हड्डियों का विकास: अगर जबड़े और तालू का विकास ठीक नहीं हो रहा हो तो मुंह से सांस लेना आसान हो जाता है।

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मुंह खोलकर सोने से शिशुओं को क्या नुकसान हो सकता है?

मुंह सूखना (Dry Mouth): मुंह खुला रहने से लार सूख जाती है और इससे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।

इंफेक्शन का खतरा: मुंह सूखने से मुंह की सफाई ठीक से नहीं हो पाती, जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं और इंफेक्शन या कैविटी हो सकती है।

मसूड़ों की समस्याएं: लगातार मुंह से सांस लेने से दांत और मसूड़े कमजोर हो सकते हैं।

चेहरे के विकास में बाधा: लंबे समय तक मुंह से सांस लेने की आदत चेहरे और जबड़े की बनावट को प्रभावित कर सकती है।

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नींद की गुणवत्ता खराब होना: जब बच्चा नाक से नहीं, मुंह से सांस लेता है, तो उसकी नींद बार-बार टूट सकती है, जिससे वह पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता।

क्या करें अगर बच्चा मुंह खोलकर सोता है? — उपाय और सलाह

नाक की सफाई करें: बच्चे की नाक बंद हो तो उसे साफ करने के लिए सलाइन नेजल स्प्रे या नेजल एस्पिरेटर का इस्तेमाल करें। कमरे में ह्यूमिडिफायर चलाएं ताकि हवा में नमी बनी रहे और नाक से सांस लेने में आसानी हो।

बच्चे का सिर थोड़ा ऊंचा रखें: सोते समय शिशु का सिर थोड़ा ऊंचा रखने से नाक से बलगम बाहर निकलने में मदद मिलती है और सांस लेने का रास्ता साफ रहता है।

एलर्जी से बचाव करें: बच्चे के कमरे में धूल, धुआं या तेज गंध वाली चीजें न रखें। अगर बच्चा बार-बार छींकता है,आंखों से पानी आता है या खांसी होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि यह एलर्जी के संकेत हो सकते हैं।

मुंह से सांस लेने की आदत पर नजर रखें: अगर बच्चा दिन और रात दोनों समय मुंह से सांस लेता है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है जैसे बढ़े हुए एडेनोइड्स या तालू की बनावट से जुड़ी परेशानी। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

बच्चों की नींद उनकी सेहत और विकास के लिए बहुत अहम होती है, इसलिए अगर आपके शिशु को सोते समय मुंह खोलने की आदत है, तो उसे सुधारने की दिशा में कदम जरूर उठाएं।

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