नारी डेस्क: बच्चों के साथ वर्क फ्रॉम होम काम करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब वे लैपटॉप या कंप्यूटर की ओर आकर्षित होते हैं। हर उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग तरीके अपनाकर काम और बच्चों की देखभाल को संतुलित किया जा सकता है। यहां हर उम्र के बच्चों के लिए टिप्स और ट्रिक्स दिए गए हैं, जिसे फॉलो कर काम करना भी आसान होगा और आपकी परवरिश पर भी कोई सवाल नहीं उठेंगे।
शिशु (0-2 साल) का बच्चा है तो
बच्चे के खाने, सोने, और खेलने का समय तय करें ताकि आप अपने काम का समय प्लान कर सकें। बच्चे को सॉफ्ट खिलौनों के साथ खेलने के लिए एक सुरक्षित जगह दें। हल्के और ध्यान खींचने वाले खिलौने जैसे टमी टाइम मैट या संगीत वाले खिलौने दें। लैपटॉप को बच्चों की पहुंच से दूर और ऊंचाई पर रखें। काम करते समय बच्चे के आसपास छोटे, सुरक्षित खिलौने रखें।
प्री-स्कूलर (3-5 साल) का बच्चा है तो
उन्हें पजल्स, ड्राइंग, या बोर्ड गेम्स में व्यस्त रखें। उन्हें छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स दें, जैसे रंग भरने, कागज की कटिंग, या स्टिकर्स से खेलने दें। बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कहानियां सुनाने वाले ऐप्स का उपयोग करें। बच्चों के लिए उनके पसंदीदा टेबल या कुर्सी पर आर्ट और क्राफ्ट का सेटअप करें और अपने लैपटॉप को पासवर्ड प्रोटेक्टेड रखें।
स्कूल जाने वाले बच्चे (6-10 साल)
पढ़ाई और खेलने का समय तय करें। अगर आप उनके साथ बाहर नहीं जा सकती तो इनडोर गेम्स, जैसे- लूडो, शतरंज, या लेगो से उन्हें व्यस्त रखें। उन्हें आसान DIY प्रोजेक्ट्स या मॉडल बनाने के लिए दें। घर पर ट्रेजर हंट, योग, या डांस के जरिए शारीरिक गतिविधि करवाएं। बच्चों के लिए स्क्रीन-फ्री टाइम की योजना बनाएं। कंप्यूटर के पास "नो किड्स ज़ोन" का नियम बनाएं।
जनरल टिप्स सभी उम्र के लिए
-बच्चों के खेलने और खाने का समय आपके काम के समय से अलग रखें।
- उन्हें छोटे काम जैसे पानी की बोतल भरना, पेपर लाना आदि करने दें।
-काम के बाद उनके साथ समय बिताने का वादा करें, जैसे कहानी सुनाना या खेलना।
- उनकी स्क्रीन की आदतें नियंत्रित रखें।
-अगर बच्चा अचानक ध्यान मांगता है, तो अपने सहकर्मियों को पहले से स्थिति बता दें।
अगर बच्चा लैपटॉप के करीब आता है तो?
लैपटॉप बंद कर दें या स्क्रीन लॉक लगा दें। बच्चे को तुरंत उनकी रुचि की चीज़ में लगाएं। लैपटॉप पर कलरफुल स्क्रीन से बचें ताकि बच्चे को आकर्षण न हो। काम और बच्चों का तालमेल मुश्किल है, लेकिन थोड़ा धैर्य और रचनात्मकता इसे संभव बना सकती है।