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इंदिरा गांधी से लेकर तक सुष्मा स्वाराज तक  इन महिला राजनेताओं ने साड़ी को बनाया अपनी Power Dress

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Mar, 2025 04:37 PM
इंदिरा गांधी से लेकर तक सुष्मा स्वाराज तक  इन महिला राजनेताओं ने साड़ी को बनाया अपनी Power Dress

भारत में जब बात राजनीति (Politics) की आती है, तो पुरुषों के सफेद कुर्ते-पाजामे की छवि जेहन में आती है। लेकिन जब हम महिलाओं की बात करें, तो उनकी पहचान अक्सर साड़ी (Sari)से जुड़ी होती है। भारत में राजनीति से जुड़ी ज्यादातर महिलाएं चाहे वह सांसद हों, विधायक हों या मंत्री – उन्हें हमेशा साड़ी में देखा जाता है। साड़ी अब सिर्फ एक पारंपरिक परिधान नहीं रह गई है, बल्कि महिलाओं के लिए एक 'पावर ड्रेस' बन चुकी है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर साड़ी महिलाओं के लिए पावर ड्रेस क्यों मानी जाती है?आज हम आपको बताएंगे कि कैसे साड़ी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं की ताकत और प्रभावशाली व्यक्तित्व को दर्शाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  

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साड़ी का पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व

साड़ी भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। जब कोई महिला साड़ी पहनकर मंच पर आती है, तो वह अपनी संस्कृति, परंपरा और जड़ों से जुड़े होने का संदेश देती है। राजनीति में जब महिला नेता साड़ी पहनती हैं, तो जनता के मन में यह संदेश जाता है कि वह हमारे जैसे हैं, हमारे बीच से आई हैं और हमारी भावनाओं को समझती हैं।  इससे उनका जुड़ाव जनता से मजबूत होता हैऔर लोग उन्हें अपना प्रतिनिधि मानने लगते हैं।  

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साड़ी से बनती है मजबूत छवि

साड़ी महिलाओं के लिए सिर्फ एक ड्रेस नहीं, बल्कि उनकी ताकत, गरिमा और नेतृत्व क्षमता को दिखाने का माध्यम है।  जब एक महिला नेता साड़ी पहनकर मंच पर खड़ी होती है, तो उसकी छवि एक सशक्त और आत्मनिर्भर महिला के रूप में बनती है।  यही कारण है कि इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, सुषमा स्वराज, ममता बनर्जी, निर्मला सीतारमण, मायावतीजैसी दिग्गज महिला नेता हमेशा साड़ी को अपने पावर ड्रेसके रूप में चुनती हैं।  

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 साड़ी से मिलता है राजनीतिक सम्मान  

 भारतीय समाज में साड़ी को हमेशा सम्मान और गरिमा का प्रतीक माना गया है।  जब कोई महिला नेता साड़ी पहनकर संसद या किसी सार्वजनिक मंच पर खड़ी होती है, तो लोग उसे आदर और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। साड़ी महिलाओं को एकगंभीर और प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करती है, जिससे लोग उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं।  यही कारण है कि राजनीति में साड़ी को पावर ड्रेस (Power Dress)कहा जाता है।  

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उदाहरण के साथ समझें: प्रसिद्ध महिला नेता और उनकी साड़ी की पहचान  

 महिला नेता का नाम      साड़ी पहनने की पहचान                              उनकी राजनीतिक ताकत   

इंदिरा गांधी                सादा साड़ी, बिना ज्यादा आभूषण              भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, सशक्त नेता 
सुषमा स्वराज            कलरफुल साड़ी, बॉर्डर वाली साड़ी            विदेश मंत्री के रूप में मजबूत छवि  
ममता बनर्जी              सफेद कॉटन साड़ी, बिना मेकअप            पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, जनता से जुड़ाव 
निर्मला सीतारमण       सिल्क या कॉटन साड़ी                             भारत की वित्त मंत्री, वैश्विक मंच पर प्रभाव  
स्मृति ईरानी*              साधारण कॉटन या प्रिंटेड साड़ी                केंद्रीय मंत्री, तेजतर्रार नेता |  

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तो क्या साड़ी ही है महिलाओं की पावर ड्रेस?

बिल्कुल हां!  साड़ी सिर्फ एक पारंपरिक पोशाक नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान, नेतृत्व और गरिमा का प्रतीक है।   राजनीति में जब महिलाएं साड़ी पहनती हैं, तो वह न केवल अपने भारतीय होने का संदेश देती हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि वे अपनी संस्कृति और मूल्यों के प्रति समर्पित हैं। यही कारण है कि आज भी बड़ी से बड़ी महिला नेता साड़ी को अपनी पावर ड्रेस मानती हैं।
 

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