नारी डेस्क: क्या में फिर से रातों को जागने के लिए तैयार हूं? क्या मेरा शरीर दो बच्चों को संभालने के लिए तैयार है? यह सवाल हर उस मां को खुद से पूछना चाहिए जो दूसरे बच्चे की प्लानिंग कर रही है। क्योंकि जितनी हिम्मत और एनर्जी पहले बच्चे के जन्म के दौरान होती है उतनी शायद दूसरे बच्चे के दौरान ना हो। बहुत से महिलाएं सुसराल वालों या पति के कहने पर दूसरे बच्चे को जन्म दे तो देती है लेकिन बाद में उसका खमियाजा सिर्फ मां को ही नहीं बच्चे को भी झेलना पड़ता है।
मां को समझें
दूसरे बच्चे की योजना बनाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। यह सच्चाई है जो बच्चे के जन्म के बाद पिता के मुकाबले मां की जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए दूसरा बच्चा करना या नहीं करना ये फैसला मां पर ही छोड़ देना चाहिए। अगर वह दूसरे बच्चे के लिए तैयार है तो उसका साथ दें और अगर वह अभी भी तैयार नहीं है उसे गलत ठहराने की बजाय उसे समझने की कोशिश करें। दूसरे बच्चे की योजना बनाते समय मां के स्वास्थ्य, परिवार की परिस्थितियों और पहले बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। पहले जानिए सही योजना के बारे में
दोनों बच्चों में सही गैप
डब्ल्यूएचओ (WHO) की सिफारिश के मुताबिक पहले बच्चे के जन्म के बाद कम से कम 2-3 साल का अंतराल रखना आदर्श माना जाता है। इससे मां के शरीर को पूरी तरह से रिकवर होने का समय मिलता है और पहले बच्चे की परवरिश पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आपकी शारीरिक स्थिति दूसरे गर्भ के लिए अनुकूल है। डॉक्टर से जांच कराएं कि आपका वजन, पोषण स्तर, और अन्य स्वास्थ्य कारक सही हैं। दूसरा बच्चा जिम्मेदारियों को दोगुना कर सकता है। मानसिक तनाव को कम करने और परिवार के सहयोग को सुनिश्चित करने की योजना बनाएं।
भावनात्मक तैयारी
पहले बच्चे को नए भाई या बहन के आगमन के लिए तैयार करना जरूरी है। उसे समझाएं कि यह परिवार के लिए खुशी की बात है और उसकी जगह नहीं बदलेगी। पहले बच्चे को ऐसा महसूस न होने दें कि उसकी ज़रूरतें या भावनाएं अनदेखी की जा रही हैं। यह निर्णय सिर्फ समाज के दबाव में न लें। यह आपका और आपके जीवनसाथी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य या उम्र दूसरा बच्चा जल्दी करने की अनुमति नहीं देती, तो डॉक्टर से सलाह लें।
मां इस तरह करे अपने शरीर को तैयार
डाइट और पोषण : प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर भोजन करें।
व्यायाम: नियमित योग या हल्के व्यायाम से शरीर को मजबूत बनाएं।
स्वास्थ्य जांच: डॉक्टर से पूरी मेडिकल जाँच कराएं। यदि कोई जटिलताएं हैं, तो उन्हें पहले नियंत्रित करें।