रात में अच्छी नींद स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है। अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते हैं या गलत समय पर सोते हैं या फिर टुकड़ों में नींद पूरी करते हैं तो इससे आपको निद्रा विकार की समस्या हो सकती है। अगर आप 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं तो न केवल आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि ब्लड प्रैशर हार्मोन भी ठीक रहता है। नींद संबंधी विकार कई तरह के हालात के प्रभाव के कारण होते हैं जो नियमित रूप से आने वाली अच्छी नींद को प्रभावित करते हैं।
यह आजकल एक आम समस्या है जो साधारण सिरदर्द और दिन भर के तनाव से जुड़ी रहती है। जब कोई मरीज सिरदर्द की समस्या से जूझता है तो वह भी एक सामान्य न्यूरोलॉजीकल विकार है जो 60-70 प्रतिशत तक नींद में खलल से जुड़ा हुआ है।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम
इस विकार में मरीज अक्सर अपने पैरों को हिलाते रहते हैं। वे जब भी सोने जाते हैं तो उन्हें पैरों में जलन महसूस होती है जिससे उन्हें अच्छी नींद लेने में परेशानी होती है। यह बीमारी अक्सर कई लोगों में देखी जाती है।
स्लीप एपनिया
यह नींद से जुड़ा एक गंभीर विकार है, जिसमें खून में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में परेशानी होती है। इसमें अचानक से सांस रुक जाती है और फिर एकाएक आने लगती है। इससे दिमाग और शरीर के दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित होता है जिससे अच्छी नींद लेने में समस्या हो सकती है। खर्राटे लेना, घरघराहट और उठने पर मुंह का सूखा होना इसके सामान्य लक्षण हैं।
सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर
इस बीमारी में मरीजों का इंटर्नल बायोलॉजीकल क्लॉक बाहरी समय के साथ समन्वय नहीं बिठा पाता है। इसमें सोने के समय को लेकर मरीज की दिमागी घड़ी कुछ घंटे पीछे चल रही होती है, जो लोग नाइट शिफ्ट करते हैं उनके साथ ऐसा अक्सर हो सकता है।
अनिद्रा
नींद से जुड़ी सभी बीमारियों में इन्सोमेनिया ज्यादातर लोगों में देखी जाती है। इस तरह के अनिद्रा विकार में मरीजों को नींद आने और नियमित तौर पर पूरी नींद लेने में परेशानी होती है। ऐसे में पूरे दिन उनमें ऊर्जा की कमी नजर आती है।
स्लीप पैरालिसिस
स्लीप पैरालिसिस एक विकार है जहां एक व्यक्ति जागने और सोते समय हिलने या बोलने में परेशानी महसूस करता है। मरीजों को एक निश्चित दबाव और भय का अनुभव होता है। कई बार इससे पीड़ित लोग सचेतन में होते हैं लेकिन फिर भी वे हिलने-डुलने में असमर्थ होते हैं।
अपनाएं ये टिप्स आएगी अच्छी नींद
-बिस्तर पर जाने का एक समय निश्चित कर लें और उसे बनाए रखें।
-शाम और रात के समय कॉफी के सेवन से बचें।
-टी.वी., कम्प्यूटर या मोबाइल पर समय बिताना कम करें, खासकर सोने से पहले।
-प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करें।
-रात को नींद आने में दिक्कत होती है तो दोपहर या बीच-बीच में नींद लेने से बचें।
-बिस्तर पर जाने से पहले गर्म पानी से नहाएं। इससे आप रिलैक्स महसूस करेंगे और नींद भी अच्छी आएगी।
दिन के समय सोने से हो सकता है शुगर, कैंसर व हाई ब्लड प्रैशर
दिन के समय सोने से आपको शुगर, कैंसर हाई ब्लड प्रैशर सहित कई बीमारियां हो सकती हैं। यह खुलासा एक नए अध्ययन में हुआ है। शोधकर्ताओं ने कहा कि दिन में 7 या अधिक घंटे सोने से व्यक्ति हाइपरसोमनोलेंस बीमारी से ग्रस्त हो सकता है। यही नहीं इस बीमारी से कुछ लोग दुर्बल भी हो जाते हैं जिससे उनके काम तथा अन्य गतिविधियों पर असर पड़ता है।
अच्छी नींद लेने से कम होगा खतरा
अमरीका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के लेखक मौरिस एम. ओहायोन ने कहा, ‘‘ढलती उम्र के लोग यदि अपनी दिन की नींद को नियंत्रित कर लें तो डॉक्टरों की मदद से भविष्य में होने वाली मुश्किलें कम हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति अपनी आदतें सुधारने में कामयाब हो जाता है तो संभावित खतरे को कम भी किया जा सकता है। अध्ययन में 10,930 लोगों को शामिल किया गया जिनमें 34 प्रतिशत प्रतिभागी 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे।