भारत की इडली, चना मसाला, राजमा और चिकन जलफ्रेजी को डिशेज में शामिल किया गया है जो नेचर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दुनिया भर के 151 लोकप्रिय स्थानीय व्यंजनों का विश्लेषण करने वाले एक नए अध्ययन के अनुसार भारत की इडली, चना मसाला और राजमा को चिकन जलफ्रेजी और चिकन चाट के साथ उच्चतम जैव विविधता वाले शीर्ष 20 व्यंजनों में शामिल किया गया है ।
शोधकर्ताओं ने हालांकि पाया कि मुख्य सामग्री के रूप में ‘बीफ' वाला ब्राजील व्यंजन फ्रालडिन्हा शीर्ष 20 में शामिल है। चिली कॉन कार्ने और बीफ टार्टारे जैसे व्यंजन भी इसमें शामिल थे। ‘नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर' के वैज्ञानिकों ने वैश्विक और स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने पर इन व्यंजनों की जैव विविधता के बारे में जानने के लिए ‘सीएनएन डॉट कॉम' और ‘टेस्टएटलस डॉट कॉम' से ली गई लोकप्रिय व्यंजनों की सूचियों का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने लिखा कि भारत को ज्यादातर उच्च जैव विविधता प्रभाव वाले व्यंजनों के उत्पादन में शामिल पाया गया है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि मांस युक्त व्यंजनों की तुलना में शाकाहारी व्यंजनों में काफी कम जैव विविधता प्रभाव देखने को मिला। शोधकर्ताओं ने जर्नल ‘पीएलओएस वन' में प्रकाशित अपने अध्ययन में कहा, ‘‘दूसरी ओर, आलू और गेहूं जैसे स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से बने व्यंजन जैसे मंटौ और चीनी स्टीम्ड बन सबसे कम जैव विविधता वाले खाद्य पदार्थों में शामिल थे।'' उन्होंने कहा- ‘‘हम खाने के लिए जो व्यंजन चुनते हैं और जहां से हमें सामग्री मिलती है, उसमें छोटे-छोटे बदलाव प्रजातियों के विलुप्त होने को रोकने में काफी मदद कर सकते हैं।''
स्टडी में सबसे कम बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट वाली डिश फ्रेंच फ्राई बताई गई है। वहीं आलू पराठा को 96वें स्थान पर, डोसा को 103वें और बोंडा को 109वें स्थान पर रखा गया है।अध्ययन में कहा गया है कि यह रिसर्च हमें इस बात की याद दिलाती है कि भारत में बायोडायवर्सिटी पर दबाव बहुत ज्यादा है।