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हरियाली तीज पर महिलाओं को नहीं करने चाहिए ये 5 काम

  • Edited By neetu,
  • Updated: 23 Jul, 2020 11:31 AM
हरियाली तीज पर महिलाओं को नहीं करने चाहिए ये 5 काम

आज हरियाली तीज का त्योहार हैं। सावन के इस पवित्र महीने आने वाली तीज का त्योहार महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस शुभ दिन औरतें शिव-पार्वती की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है। इस दिन उपवास रखने से बुद्धि का विकास होता है। घर में सुख- समृद्धि, शांति व खुशहाली आती है। सुहागिने हाथों पर मेंहदी, बालों पर गजरा, हरे रंग की चूड़ियां व साड़ी आदि पहन कर सोलह श्रृंगार करती हैं। वे अपनी सहेलियों के साथ झूला-झूलकर इस त्योहार का आनंद मानती है। 

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क्यों जाती है महिलाएं मायके?

नई बनी दुल्हनें अपने मायके में ससुराल से सिंजारा लेकर रहने आती है। साथ ही इन चीजों को एक-दूसरे को भेंट किया जाता है। इससे रिश्तों में मिठास आती है। इस सिंजारे में साज-श्रृंगार का सामान जैसे कि साड़ी, चूड़िया, मेकअप, मेंहदी, गजरा आदि होता है। इसके साथ ही इसमें भाई- बहनों के लिए कपड़े, मिठाई और उपहार भी होते है। मान्यता है कि शादी के बाद पहले सावन को नवविवाहिता को अपने ससुराल की जगह मायके जाकर उनके साथ समय बीताना चाहिए। इसके पीछे का कारण है कि नवविवाहिता इन खास पलों को अपने मां-बाप, भाई-बहन व सहेलियों के साथ बीताएं। अपने ससुराल में आ रही परेशानियां, अपने खट्टे-मीठे पल घरवालों और सहेलियों के साथ बांट कर अपना मन हल्का करें। साथ ही अपनी परेशानियों का हल निकालें। 

कैसे मनाती हैं महिलाएं हरियाली तीज?

तीज के एक दिन पहले सभी महिलाएं अपेन हाथों पर पति के नाम की मेंहदी लगाती है। अगले दिन यानि तीज की सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सुंदर कपड़े पहन कर गौरा माता की पूजा की जाती है। उनकी पूजा करने के लिए मिट्टी या किसी धातू से भगवान शिव, माता व गणेश जी की मूर्ति बनाकर उन्हें वस्त्रादि पहनाएं जाते हैं। फिर उन्हें सिंदूर, रोली, अक्षत आदि से चढ़ाकर 8 पूरी, 6 पूओं से भोग लगाया जाता है। उसके बाद सुहागिन और नवविवाहिता हार-श्रृंगार का सामान, कपड़े, मिठाई, शगुन आदि चीजें अपनी सास, जेठानी, या ननद को अर्पित करती हुई उनके पैरों को छूती हैं। फिर परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिल कर भोजन किया जाता है। महिलाएं अपनी सहेलियों के साथ मिलकर झूला झूलती हैं। गीत गाकर और नाच कर इस त्योहार को मनाती है। यह त्योहार पारिवारिक मिलन का सुअवसर माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन इन गलतियों को भूलकर से भी नहीं करना चाहिए...

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पति से छल कपट

इस खास और पावन दिन पर महिलाओं को अपने पति के साथ लड़ना-झगड़ा और उनके साथ कोई छल- कपट नहीं करना चाहिए। 

झूठ और दुर्व्यवहार  

महिलाओं को पूरा दिन व्रत को रखते हुए सभी के साथ प्यार भरा बर्ताव करना चाहिए। इस दिन किसी से भी झूठ और गलत व्यवहार करने से बचना चाहिए। 

गुस्सा करने से बचे

इस शुभ दिन को हंसी- खुशी के साथ बीताना चाहिए। इस खास दिन पर गुस्सा करने की जगह शांत मन से रहना चाहिए। 

सोने से रखें परहेज

इस दिन महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। बल्कि पूरे दिन को खुशी के साथ शिव-पार्वती के भजन गाकर मनाना चाहिए।

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न करें दूध का सेवन 

मान्यताओं के अनुसार इस दिन जिन महिलाओं ने उपवास रखना होता हैं। उन्हें दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।

ऐसा कुछ भी करने से भगवान  शिव जी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। 

इस दिन हुआ था शिव- पार्वती का मिलन

मान्यता है कि गौरा माता भगवान शिव से बहुत देर तक दूर रहने के बाद इस खास और शुभ दिन में ही शिव जी से मिली थी। ऐसे में ही यही सूत्र सुखी वैवाहिक जीवन के आधार माने जाते है। 
 

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