जहां एक तरफ कोरोना वायरस का बढ़ता कहर दुनियाभर में तांडव मचा रहा है। वहीं लोगों की नजरें वैक्सीन पर टिकी हुई है। देश के तीन वैक्सीन आखिरी चरण के ट्रायल पर पहुंच चुकी है। वहीं अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा है कि उन्होंने कोविड-19 की दमदार वैक्सीन बनाई है। जिसके इस्तेमाल सबसे पहले जानवरों पर किया गया है।
जानवरों पर किया गया परीक्षण
जिन शोधकर्ताओं ने वैक्सीन को बनाने का दावा किया है उनमें यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ता भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस वैक्सीन को में नैनो पार्टिकल्स का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ सबसे पहले जानवरों पर कोरोना की इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया था जो सफल रहा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर में कई गुना ज्यादा एंटीबॉडी बनाती है।
क्या है स्पाइक प्रोटीन?
शोधकर्ताओं के मुताबिक बंदर पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया। जिसके नतीजे के रुप में सामने आया कि वैक्सीन देने के बाद बंदर के शरीर में बनी एंटीबॉडी ने कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर हमला किया। आपको बता दें कि स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस इंसानी कोशिकाओं में पहुंचता है। इसके साथ ही दावा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि जब कोरोना वायरस अपना रूप बदलेगा तब भी यह वैक्सीन का असर रहेगा।
इसके अलावा रिसर्च में यह भी सामने आया है कोरोना वैक्सीन की आणविक संरचना कुछ हद तक वायरस की ही नकल करती है। जिस वजह से वैक्सीन की इम्युन रेस्पांस ट्रिगर करने की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। वहीं बताया गया है कि वैक्सीन को बनाने के लिए वायरस के पूरे स्पाइक प्रोटीन का यूज नहीं किया गया है।