सेहतमंद रहने के लिए योग बेहद फायदेमंद माना गया है। इससे इम्यूनिटी बढ़ने के साथ पाचन दुरुस्त रहता है। ऐसे में बीमारियों से बचाव रहने के साथ दिनभर एनर्जेटिक महसूस होता है। वहीं बात बच्चों की करें तो भले ही वे शुरु से ही बेहद फुर्तीले व जोशिले होते हैं। मगर उनकी इम्यूनिटी कमजोरी होती है। ऐसे में आप उनको फिट एंड फाइन रखने के लिए उनसे कुछ योग करवा सकती है। इससे उनकी इम्यूनिटी बढ़ने के साथ बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलेगी। चलिए जानते हैं बच्चों के लिए कुछ आसान से योगासन...
- बालासन
इस आसन को बच्चों की मुद्रा में किए जाने से बालासन कहा जाता है। इससे शरीर के अंदरूनी हिस्सों में लचीलापन बढ़ता है। शरीर में दर्द व थकान दूर होकर सुस्ती और फुर्ती का संचार होता है। दिमाग शांत होने से अंदर से खुशी का अहसास होता है। ऐसे में बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बालासन बेहद फायदेमंद माना गया है।
ऐसे करें बालासन
. कुल्हों का सारा भार एड़ी पर डालकर जमीन पर बैठें।
. अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए माथे को जमीन से छुएं।
. दोनों हाथों को एकदम सीधा करके जमीन पर रखें या एड़ियों को पकड़ लें।
. छाती से जांघों को दबाएं।
. 5 मिनट या क्षमता अनुसार इसी अवस्था में रहते हुए गहरी सांस लें।
. बाद में सही अवस्था में आ जाएं।
. इस योग को 4-5 बार दोहराएं।
- पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने से इम्यूनिटी तेज होने के साथ पाचन शक्ति बढ़ती है। शरीर का वजन कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल व अनिंद्रा की समस्या से बचाव रहता है।
ऐसे करें पश्चिमोत्तानासन
. जमीन पर मैट बिछाकर अब दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं।
. पीठ की मांसपेशियों को एकदम ढीला छोड़कर सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर लें जाएं।
. फिर गहरी सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
. अपनी नाक को घुटने पर लगाने का प्रयास करें।
. फिर धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
. थोड़ी देर इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. इस प्रक्रिया को करीब 3-5 बार दोहराएं।
- वृक्षासन
पेड़ की आकृति से करने वाले इस योग से पूरे शरीर में मजबूती आती है। बच्चे की हाइट बढ़ाने में भी बालासन फायदेमंद माना गया है। इससे तनाव कम होकर शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
ऐसे करें वृक्षासन
. इस आसन को करने के लिए एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
. अब दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर की भीतरी जांघ पर रखें।
. हाथों को ऊपर करके नमस्ते की मुद्रा में आ जाएं।
. इस अवस्था में कुछ देर रहकर गहरी सांस लें और सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. अब दूसरे पैर से इसे दोहराएं।