05 NOVTUESDAY2024 12:04:00 AM
Nari

Inspiring Story: 8 साल की बच्ची ने बनाया बहन की मदद के लिए APP, जिसकी हो रही जमकर तारीफ

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 20 Oct, 2020 04:59 PM
Inspiring Story: 8 साल की बच्ची ने बनाया बहन की मदद के लिए APP, जिसकी हो रही जमकर तारीफ

बच्चों में नई नई चीजें सिखने की जिज्ञासा और अद्धभुत क्षमता होती है। बस इसी जिज्ञासा में बीच वह कई बार कुछ ऐसा काम कर दिखाते हैं जो दूसरों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो जाता है। आज हम आपको ऐसी ही बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने छोटी सी उम्र में ऐसा काम कर दिखाया जो सचमुच काबिल-ए तारीफ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं गुरुग्राम की 8 साल की मान्या की, जिन्होंने अपनी बहन को पढ़ाते-पढ़ाते पिकाबू (Pickaboo) नाम का ऐप बनाया जो गूगल स्टोर पर उपलब्ध है।

चलिए अब हम आपको बताते हैं कि कैसे 8 साल की मान्या को ऐप बनाने की आइडिया कहां से आया और कैसे उन्होंने यह ऐप बनाया।

WhiteHat Jr से मिला App बनाने का आइडिया

हरियाणा के गुरूग्राम सनसिटी स्कूल (Suncity School) की स्टूडेंट मान्या को यह ऐप बनाने का आइडिया WhiteHat Jr. से मिला। दरअसल, मान्या अपनी छोटी बहन को वो सबकुछ सिखाना पसंद है जिसका ज्ञान उन्हें है। जब वह अपने टीचिंग एक्सपीरियंस का मजा ले रही थी तभी उन्हें एक ऐप प्रेरणा मिली। WhiteHat Jr. ने मान्या को ऐप बनाने के लिए प्रेरित किया, जिसकी वजह से आज बच्ची का ऐप पिकाबू (Pickaboo) गूगल स्टोर पर भी उपलब्ध है। मान्या का यह एप्लिकेशन ऑब्जेक्ट की एक तस्वीर लेकर माइक्रोसॉफ्ट इमेज प्रोसेसिंग एपीआई (Microsoft Image Processing API) में भेजता है। इसके बाद API डिस्क्रिप्शन को लैंग्वेज सेटिंग के आधार पर ट्रांसलेट (Translator API) करता है। फिर रिजल्ट टेक्स्ट टू स्पीच कन्वर्टर (Text to Speech Converter) और एक ट्रांसलेटर इंजन (Translator Engine) को भेजता है, जो स्कैन की गई वस्तु का नाम अंग्रेजी, हिंदी, स्पेनिश, फ्रेंच और जर्मन सहित पांच अलग-अलग भाषाओं में लिखता है।

PunjabKesari

बच्चों के लिए बनाया इनोवेटिव ऐप

मान्या का कहना है 'मेरी बहन हमेशा डिफरेंट चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहती है जो वह अपने आसपास देखती है। मैं अक्सर उसे अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से सवाल पूछते देखती थी और कुछ ऐसा बनाना चाहती थी, जिससे उसे जानने में मदद मिले। व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr.) पर मैंने जो अवधारणाएं सीखीं, मैंने उससे एक ऐसे एप्लिकेशन विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया, जिससे मेरी बहन की उम्र के बच्चे को मजेदार तरीके से उनकी पसंद की जानकारी मिल सके।'

बच्चों को मिलेगी आत्मनिर्भर बनने में मदद

मान्या ने समर्पित रूप से अपनी बहन को नई चीजें सिखाने में समय बिताया। मगर, जब वह अपनी बहन को सिखाती थी तो उनके मन में उस उम्र के बच्चों के लिए कुछ ऐसा बनाने की सोच उमड़ती थी, जो उनके सीखने का अनुभव मजेदार बनाए और जिससे वो आत्मनिर्भर बन सकें। अब मान्या के इस ऐप के जरिए बच्चे अपनी छोटी-सी दुनिया को मजेदार तरीके से एक्सपलोर कर सकते हैं और नई-नई चीजें सीख सकते हैं।

PunjabKesari

मान्या के पेरेंट्स हर्ष सिंघल और शिखर सिंघल ने कहा, 'इस ऐप को बनाने के लिए मान्या की दृढ़ता पर हमें गर्व है। खुद एक बच्चा होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों को टेक्नॉलॉजी की मदद से असल जिंदगी की समस्याओं से निपटने में मदद करने की कोशिश कर रही है। हम उसे ऐसी क्रिएटिव प्रोजेक्ट खोजने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे, जो उसके संपूर्ण विकास में भी मदद करेंगा।'

WhiteHat Jr ने की मान्या की तारीफ

व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr.) के फाउंडर और सीईओ करण बजाज (Karan Bajaj) का कहना है कि “युवा बच्चे आज बहुत ही चौकस हैं और उनकी जिज्ञासु प्रकृति उनके बौद्धिक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देती है। माता-पिता के रूप में हमें उस जिज्ञासा को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए और उन्हें एक समृद्ध सीखने का अनुभव प्रदान करना चाहिए। कोड को सीखना बच्चों में रचनात्मकता और समस्या को सुलझाने के कौशल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। मैं यह देखकर खुश हूं कि मान्या ने अपने कोडिंग और एनालिटिकल स्किल्स का यूज एक इनोवेटिव ऐप बनाने के लिए किया, जिससे छोटे बच्चे अपने आसपास की दुनिया के बारे में जान सकते हैं।'

Related News