आज दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जा रहा है, जिसका मकसद लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। यह HIV वायरस से होने वाली संक्रमित बीमारी है, जिसका कोई स्पष्ट इलाज नहीं है। ऐसे में सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का एकमात्र तरीका है। इसके अलावा HIV से बचाव के लिए एक टीका भी लगाया जाता है लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बीरे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। यहां हम आपको इस बीमारी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिसे हर किसी के लिए जानना जरूरी है।
36.9 मिलियन लोग है एड्स से ग्रस्त
2017 के आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 36.9 मिलियन लोग एड्स की चपेट में आते हैं लेकिन बावजूद इसके 68% भारतीय इस बीमारी से आज भी अंजान है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सही जानकारी होने पर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
क्या HIV वायरस से होता है एड्स?
प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनि सिस्टम सफेद रक्त कोशिकाओं की मदद से शरीर को बाहरी वायरस व बैक्टीरियल इंफैक्शन से बचाने में मदद करती है। इसमें सफेद रक्त कोशिकाएं इन सफेद रक्त कोशिकाओं की सतह पर एक ग्लाइकोप्रोटीन CD4 होता है, जिसपर HIV वायरस अटैक करता है और CD4 व इम्यूनिटी को कम कर देता है, जिससे आप इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
HIV और AIDS में फर्क
एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है, जो इम्यून सिस्टम के T-Cells पर हमला करता है। वहीं एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिंड्रोम) एक मेडिकल सिंड्रोम है, जो एचआईवी संक्रमण के बाद सिंड्रोम के रुप में सामने आता है। एचआईवी एक इंसान से दूसरे इंसान को हो सकता है लेकिन एड्स नही। यदि कोई एचआईवी से संक्रमित है तो यह जरूरी नहीं कि उसे एड्स हुआ हो। हालांकि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स होने का संभावना बढ़ जाती है।
क्या मच्छरों से फैलता है AIDS या HIV?
एक्सपर्ट के मुताबिक, यह बीमारी मच्छरों के काटने से नहीं फैलती क्योंकि मच्छरों में T-Cell वहीं होते। दरअसल, इंसानों के खून में मौजूद टी-सेल्स या सीडी4 सेल्स वायरस व बैक्टीरिया से लड़कर उसे खत्म करते है जबकि मच्छरों में यह सेल्स नहीं होते। जब मच्छर इंफेक्ट व्यक्ति का खून चूसते हैं तो उनमें खून के साथ वायरस भी पच जाता है। ऐसे में जब इंफेक्टेड व्यक्ति को काटने के बाद वही मच्छर स्वस्थ व्यक्ति का काटता है तो उसमें वायरस ट्रांसफोर्म नहीं होता।
एड्स से बचाता है यह 1 टीका
एड्स के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन डीएनए आधारित टीका लगाने से इस वायरस से बचाव में मदद मिल सकती है। वहीं, एड्स के रिस्क कम करने के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) और HIV दवाएं दी जाती है। उपचार ना करवाने पर HIV संक्रमित लोगों में टीबी, बैक्टीरियल इंफेक्शन, मेनिनजाइटिस और लिम्फोमा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।