राखी एक धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है, जिसे शुभ मुहूर्त में बांधने से शुभता और सकारात्मकता का संचार होता है। इस दिन शुभ मुहूर्त और भद्रा काल का इस दिन विशेष ध्यान रखा जाता है। आज सूर्योदय के साथ ही भद्रा लग गई है, ऐसे में रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह में न होकर दोपहर में है। इसके बाद बहनें भाई की कलाई में राखी बांध सकेंगी।
राखी के लिए ये समय है शुभ
दरआल सावन पूर्णिमा की शुरुआत 19 अगस्त को 3 बजकर 5 मिनट से होगी और रात 11 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि को मानते हुए दोपहर के बाद ये त्यौहार मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम को प्रदोष काल में 6 बजकर 39 मिनट से 8 बजकर 52 मिनट तक समय भी शुभ है।
शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का पालन करना अनिवार्य माना गया है। ऐसा करने से अनुष्ठान सफल होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।इस समय में भगवान और ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे भाई और बहन का रिश्ता और मजबूत होता है।
भद्रा का प्रभाव
भद्रा एक अशुभ काल माना जाता है, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित है। भद्रा काल में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता, क्योंकि इसे अशुभ और विपरीत फलदायक माना गया है। भद्रा काल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में गलतफहमी, तनाव और अशांति का संचार हो सकता है। इस समय में किए गए कार्यों से जीवन में अनचाहे संघर्ष और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस तरह रिश्ता होगा मजबूत
मान्यता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता और कार्य का फल उल्टा पड़ सकता है।रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त और भद्रा काल का ध्यान रखते हुए ही राखी बांधें। यह आपके रिश्ते को मजबूत बनाए रखने और जीवन में सुख-शांति लाने में सहायक होगा।