हर मां की ये ही इच्छा होती है कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट हो। कई लोगों के ये गलतफहमी हैं कि बच्चे के पैदा होने के बाद ही उनका दिमाग तेज किया सकता है। सच तो ये है कि प्रेग्नेंसी के दौरान जब बच्चा पेट में होता है तभी दिमाग विकसित होने की प्रक्रिया शुरु हो जाती हैं। इस दौरान अगर होने वाली मां अपने डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर आप बच्चे के दिमाग को तेज कर सकती हैं। आज इस स्टोरी में हम आपको बता रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के समय क्या खाने से प्रेग्नेंसी में बच्चे की याद्दाश्त को बढ़ाया जा सकता है....
ओमेगा-3
ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के दिमाग के विकास के लिए जरूरी होती है। इंटेलिजेंट बच्चा पाने के लिए आप सैल्मन फिश खा सकती हैं। हफ्ते में कम से कम दो बार तो सैल्मन फिश जरूर खाएं। इसके अलावा ऑएस्टर में आयोडीन खूब होता है, तो ये भी खाएं। प्रेग्नेंसी में आयोडीन की कमी होने पर बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक - दालों और हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलिक एसिड खूब होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों और कुछ दालों को खाने से बच्चे के मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचता है। सब्जियों में मौजूद फोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के खतरे को भी कम करता है और बच्चे को कई तरह के हार्ट डिफेक्ट से भी बचा सकता है।
बादाम
बादाम में हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम, विटामिन ई और प्रोटीन होता है। बादाम में याद्दाश्त को बढ़ाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड भी खूब होते हैं। रोज मुट्ठीभर बादाम खाने से गर्भ में ही शिशु के दिमाग को तेज किया जा सकता है। अखरोट में भी भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। इसके अलावा कद्दू के बीजों में जिंक भी बहुत होता है। जिंक एक मिनरल है जो मस्तिष्क की संरचना और जानकारी की कॉग्नीटिव प्रोसेसिंग को बढ़ावा देता है। इसमें पोषण और एंटीऑक्सीडेंट भी खूब होते हैं।
दूध और बींस
बच्चे के दिमाग में नसों की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए आयरन की जरूरत होती है। बींस में उच्च मात्रा में आयरन होता है जो कि प्रेग्रेंट महिला के लिए बहुत आवश्यक है। आप खाने में पालक, अंजीर, चिकन और किशमिश को शामिल कर के भी आयरन की पूर्ति कर सकती हैं। दूध जन्म से पहले ही शिशु के बौद्धिक कार्यों को बढ़ावा देता है और मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
एक्सरसाइज
वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान फिट और एक्टिव रहना भी बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज के दौरान रिलीज हुए हार्मोंस प्लेसेंटा के जरिए शिशु तक पहुंचते हैं। वहीं इस एक्सरसाइज से शरीर में खून का प्रवाह भी बढ़ जाता है। ऐसे बच्चे के विकास को बढ़ावा मिलता है बच्चे के हिप्पोकैंपस में न्यूरॉन्स भी बढ़ सकते हैं। यह मस्तिष्क के याद करने और याद्दाश्त वाले हिस्से को 40 पर्सेंट तक बढ़ा देते हैं।