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Health: 27% औरतें सर्वाइकल इरोज़न बीमारी की शिकार, यूरिन ही है पहला संकेत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 03 May, 2019 07:14 PM
Health: 27% औरतें सर्वाइकल इरोज़न बीमारी की शिकार, यूरिन ही है पहला संकेत

सर्वाइकल इरोज़न (Cervical Erosion) यानि गर्भाशय ग्रीवा महिलाओं से संबंधित एक ऐसा रोग है, जिसे सर्वाइकल एक्ट्रोपियन भी कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण साइलेंट होते हैं इसलिए महिलाओं को समय रहते इसका पता नहीं चल पाता। यह एक ऐसा संक्रमित रोग है, जो संबंध बनाने से फैलता है इसलिए शादीशुदा महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है। इस रोग के होने पर महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में सूजन भी आ जाती है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह महिलाओं के लिए जानलेवा भी बन सकता है।

 

क्या है सर्वाइकल इरोज़न

गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाश्‍य के अंत में निचले हिस्‍से में स्थित संकरी सी ग्रीवा होती है, जो योनि में जाकर खुलती है। संबंध बनाते समय गर्भाशय ग्रीवा शोथ, क्‍लाइमायडिया और गोनोरहा जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण महिलाएं इस कैंसर की चपेट में आ जाती है।

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दो तरह के होते हैं सर्वाइकल इरोजन

सर्वाइकल इरोजन या गर्भाशय ग्रीवा में दो प्रकार के सेल्स होते हैं, फ्लैट स्किन सेल्स और ग्‍लैंडुलर सेल्स। यह दोनों सेल्स योनि और गर्भाशय तक इंफैक्शन को गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद यह सेल्स बैक्‍टीरिया और वायरस को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकती है। वहीं जब गर्भाशय ग्रीवा संक्रमित हो जाती है तो इससे संक्रमण योनि व गर्भाशय तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है।

सर्वाइकल इरोजन के कारण

आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा शोथ बैक्‍टीरियल और वायरल संक्रमण द्वारा होता है, जो यौन संबंधों द्वारा फैलते हैं। एलर्जिक रिएक्‍शन, गर्भनिरोधक गोलियों, शुक्राणुनाशकों और कंडोम में मौजूद लेटेक्‍स के कारण भी महिलाएं इसकी चपेट में आ जाती है। वहीं अगर योनि में मौजूद बैक्टीरिया जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इसके कारण भी महिलाओं को यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी इसका कारण बनते हैं।

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भारत की 27% महिलाएं है इसकी शिकार

सर्वाइकल इरोजन पूरी दुनिया की औंरतों के लिए खतरा बना हुआ है लेकिन भारतीय महिलाओं में इसका खतरा अधिक है। शोध के अनुसार, पूरी दुनिया में हर साल 5 लाख सर्वाइकल इरोजन के मामले सामने आते हैं, जिसमें 27% भारत की महिलाएं शामिल होती हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों की महिलाओं में इसका खतरा 60% ज्यादा होता है, जिसका सबसे बड़ा कारण सुरक्षा ना बरतना है।

सर्वाइकल इरोजन के लक्षण

योनि से असामान्‍य स्राव
स्राव सलेटी और पीले रंग होना
स्राव से पस व दुर्गंध आना
बार-बार पेशाब जाना
पेशाब के साथ दर्द होना
संभोग के दौरान दर्द होना
पीरियड्स में असामान्‍य रक्‍त स्राव होना

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डॉक्‍टर से कब संपर्क करें?

जब मासिक धर्म के बिना योनि से नियमित असामान्‍य स्राव होने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बचाव

सर्वाइकल इरोजन ज्यादातर असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है इसलिए इससे बचने की कोशिश करें। इसमें आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आते। यह एक सामान्‍य पेप टेस्‍ट से ही सामने आ सकता है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप पेल्विक की नियमित जांच, कोलपोस्कोपी (Colposcopy), बायोप्सी (Biopsy) और पेप टेस्‍ट करवाती रहें। इसके अलावा प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का खास-ख्याल रखें।

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