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षट्तिला एकादशी: इस दिन 6 तरीकों से करें तिल का प्रयोग, सौभाग्य में बदल जाएगा दुर्भाग्य

  • Edited By neetu,
  • Updated: 26 Jan, 2022 04:36 PM
षट्तिला एकादशी: इस दिन 6 तरीकों से करें तिल का प्रयोग, सौभाग्य में बदल जाएगा दुर्भाग्य

हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित इस दिन श्रीहरि की पूजा व व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, हर महीने 2 एकादशी की तिथियां पड़ती हैं। माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि षट्तिला एकादशी कहलाती है। इस बार यह व्रत 28 जनवरी दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। पद्म पुराण अनुसार, षट् तिला अर्थात तिलों का 6 तरीकों से प्रयोग से युक्त एकादशी। इस एकादशी पर  तिलों का कुल 6 प्रकार से इस्तेमाल करने का महत्व है। मान्यता है कि तिलों का प्रयोग करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष के द्वार खुलते हैं। चलिए जानते हैं तिलों का इस्तेमाल करने का तरीका...

तिल मिश्रित जल से स्नान

एकादशी के दिन तिल मिश्रित जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। इसके लिए पानी में तिल मिलाकर ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए नहाएं। इसके बाद पीले रंग के कपड़े पहनकर व्रत रखने का संकल्प करें।आप बिना व्रत रखें भी इस उपाय को कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मोक्ष के द्वार खुलते हैं।

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तिल के तिल से मालिश

आपने एकादशी का व्रत रखा हो या ना मगर फिर भी इस दिन तिल के तेल से शरीर की मालिश करें। इससे अरोग्य की प्राप्ति व सर्दी के विकार दूर रहते हैं। आयुर्वेद अनुसार तिल के तेल से मालिश करने से स्किन व सेहत से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

तिल का हवन

इस दिन 5 मुट्ठी तिल से हवन करें। इसके लिए तिल को गाय के घी में मिलाएं। फिर भगवान श्रीहरि का ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए हवन करें। कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का जप करते हुए भी हवन करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसे भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। ऐसे में घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहती है।

तिल के पानी का सेवन करना

षट्तिला एकादशी एकादशी के दिन तिल वाले पानी का सेवन करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके लिए आप एक बर्तन में तिल का पानी बनाकर पूरा दिन उसका सेवन करते रहे। इसका सेवन करने से शरीर बीमारियों से सुरक्षित रहता है। इसकेसाथ ही इस दिन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को तिलों का तर्पण करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का वास होता है।

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तिल का दान

ज्योतिष व वास्तुशास्त्र में तिल के दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, तिल का दान करने से पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप एकादशी के शुभ अवसर पर किसी गरीब, बेसहारा या पंडित को तिल का दान अवश्य करें।

तिल से बने व्यंजन खाएं

आप एकादशी का व्रत रख रहे हो या न फिर भी इस दिन तिल से पकवान बनाकर जरूर खाएं। इस दिन शाम के समय तिल से व्यजंन तैयार करके भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप उसका सेवन करें। मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रती द्वारा तिल से बनी चीजें खाने से उसे बैकुंठ में स्थान मिलता है। इसके साथ ही इस शुभ दिन पर गरीबों को भोजन खिलाएं।

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