नोएडा में रविवार को सैंकड़ों लोग सुपरटेक के 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने के गवाह बने। इन इमारतों को विस्फोट कर ध्वस्त किये जाने से पहले, ट्विन टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे को 'निषिद्ध क्षेत्र' घोषित कर दिया गया, जहां आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं थी। 30 और 32 मंजिला ये गगनचुंबी इमारतें बस चंद सेकेंड्स में ही मिट्टी में मिल गईं।
100 परिवार लौटे घर
ट्विन टावर को ढहाने से पहले पास की आवासीय इमारतों से निकाले गए परिवारों में से करीब 100 परिवार अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के 5,000 से अधिक लोगों को ट्विन टावर विध्वंस से पहले निकाला गया था। घर लौटे लोग इस बात से राहत में हैं कि उनके घर सुरक्षित हैं। पुलिस ने ढही इमारत के आसपास के इलाके में अवरोधक लगा दिए हैं।
आसपास की इमारतें सुरक्षित
अवैध रूप से निर्मित ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा एक निर्देश दिये जाने के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया। नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं। हालांकि, नजदीक ही स्थित एक सोसायटी की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। कई अपार्टमेंट में खिड़कियों के शीशे भी चटक गए।
लोगों ने मनाई खुशियां
लोगों ने अवैध रूप से निर्मित इन ढांचों के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा- यह कार्रवाई संदेश देता है कि देश में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, वहीं अन्य लोगों ने कहा कि यह कार्रवाई जरूरी थी। नोएडा और आसपास के शहरों के लोग इस कार्रवाई को देखने के लिए जेपी फ्लाईओवर मैदान के पास जमा हुए। कई लोग दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने से कुछ घंटे पहले एक ऐसी जगह ढूंढते नजर आए, जहां से ढांचों को ढहाए जाने के दृश्य बिल्कुल साफ नजर आए।
40 लावारिस कुत्तों को बचाया गया
इस घटना के गवाह बने लोगों ने कहा- टावर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। कितनी जल्दी यह सब हो गया। वहीं ध्वस्तीकरण से पहले आसपास रहने वाले कम से कम 40 लावारिस कुत्तों को गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित अस्थायी शिविरों में स्थानांतरित किया गया। एक एनजीओ ने अनुरोध किया था कि इमारतें गिराए जाने से पहले सांकेतिक रूप से विस्फोट की आवाज की जाए ताकि क्षेत्र के पक्षियों को बचाया जा सके। हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स, फ्रेन्डीकोज, सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स समेत कई गैर सरकारी संगठनों ने लावारिस कुत्तों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने की व्यवस्था की।
दोनों इमारतों में थे 915 फ्लैट
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में एक 3 बीएचके अपार्टमेंट की लागत लगभग 1.13 करोड़ रुपए बताई गई थी। दोनों इमारतों में करीब 915 फ्लैट थे, जिससे कंपनी को करीब 1,200 करोड़ रुपए की कमाई होती। कुल 915 फ्लैटों में से लगभग 633 बुक किए गए थे और कंपनी ने होमबॉयर्स (जो लोग इन्हें खरीद रहे थे) से लगभग 180 करोड़ रुपए इकट्ठा किए। अब कंपनी को इन लोगों के पैसे 12 % ब्याज के साथ लौटाने को कहा गया है।