नारी डेस्क : भारत नहीं सिंगापुर में सबसे पुराना हिंदू मंदिर है जो अपनी सुंदरता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर, सिंगापुर के सबसे पुराने और सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है, जो 'लिटिल इंडिया' इलाके में स्थित है, जहां भारतीय नागरिकों की एक बड़ी आबादी रहती है।ये कोई आम मंदिर नहीं है बल्कि इस मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल है। इस मंदिर को पहले नरसिंगा पेरुमल कोविल के नाम से जाना जाता था।
अंग्रेजी राज के समय ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसर काम के लिए काफी भारतीय को यहां लेकर आए थे। यहां आए भारतीय लोगों ने पूजा-पाठ के लिए एक जमीन खरीद कर इस मंदिर की स्थापना की थी।
सन 1885 में उन्होंने जो मंदिर बनवाया, उसे नरसिंह पेरुमल कोविल के नाम से जाना जाता था। इसके बाद जैसे-जैसे भारतीय अप्रवासियों के पास पैसे आते गए वे जमीन खरीद कर मंदिर को देते गए।
1960 के दशक में इसका पुनर्निर्माण शुरू किया गया और 19 जून 1965 को सिंगापुर के पहले राष्ट्रपति एनचे युसोफ बिन इशाक ने इसका उद्घाटन किया।साल 1966 में कुछ लोगों के सुझाव के बाद मंदिर के मुख्य देवता श्री नरसिंह पेरुमल को भव्य श्री श्रीनिवास पेरुमल से बदल दिया गया। तब से इस मंदिर का नाम बदलकर श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर हो गया।
सन 1978 में इस मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया गया। 25-30 साल से सिंगापुर में रह रहे गणेशन ने कहा कि यह मंदिर हिंदू समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय है। मंदिर को देखने पर इसमें दक्षिण भारतीय कला शैली की झलक साफ तौर पर मिलती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी है।