शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों जैसे मिनरल, विटामिन्स और प्रोटीन की तय मात्रा की बहुत जरूरत होती है। खास करके बच्चों की बढ़ती उम्र में इन में से किसी भी चीज की कमी होने पर उनका पूरी तरह से पोषण नहीं हो पाता और साथ ही उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। अगर आप चाहते है आपके बच्चे हैल्दी रहे तो उनके खान-पान पर खास ध्यान रखें और इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जो आप उन्हें खाने के लिए जो चीजें दे रहे हैं उनमें पूरे पोषक तत्व है भी या नहीं। आज हम आपको बताएंगे कि पोषण में किसी तरह की कमी रह जाने पर बच्चों को कौन-कौन सी बीमारियां घेर सकती है।
बेरीबेरी की समस्या
विटामिन बी1 की कमी बच्चे की मांसपेशियों, दिल और पाचन शक्ति आदि को प्रभावित करती है। बेरीबेरी की समस्या दो प्रकार की होती है एक आर्द्र (वेट) बेरीबेरी और दूसरी शुष्क (ड्राई) बेरीबेरी। आर्द्र बेरीबेरी होने पर हार्ट पर बुरा असर पड़ता है और शुष्क बेरीबेरी की समस्या नर्व को कमजोर बनाती है।
रिकेट्स की समस्या
यह बीमारी विटामिन डी की कमी के कारण होती है। इस समस्या के होने पर बच्चों की हड्डियां कमजोर और मुलायम हो जाती है जिसके कारण यह जरा-सा दबाव पड़ने पर टूट जाती है। दरअसल विटामिन डी हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करता है इसलिए इसकी कमी होने पर शरीर में विटामिन सी और फास्फोरस की कमी हो जाती है। इस बीमारी की आशंका ज्यादातर 3 से 36 महीने तक के बच्चों में रहती है।
पिलाग्रा बीमारी
यह बीमारी बच्चे की पाचन क्रिया, त्वचा और नर्व को प्रभावित करती है। इस समस्या की आशंका ज्यादातर उन बच्चों में होती है जो हरी सब्जियां बिल्कुल नहीं खाते। इस बीमारी की वजह शरीर में विटामिन बी3 की कमी है।
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