आज के समय में लोगों को नशे की लत जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से उनकी उम्र भी घटती जा रही है। एक बार अगर यह बुरी आदत लग जाए तो छूटनी मुश्किल हो जाती है लेकिन वह इससे होने वाले नुकसान से अंजान है। सिगरेट ना सिर्फ कैंसर का खतरा बढ़ाती है बल्कि यह धीरे-धीरे आपके फेफड़ें व दिल को भी नुकसान पहुंचा रही है।
लंबी व स्वस्थ जिंदगी जीने के लिए आपको सिगरेट की लत छोड़ देनी चाहिए। लेकिन अगर आप इसे नहीं छोड़ पा रहे तो इसकी मात्रा कम करें और अपने लाइफस्टाइल को हैल्दी बताएं। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जो सिगरेट करने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। ये योगासन ना सिर्फ दिल को स्वस्थ रखते हैं बल्कि इससे अन्य बीमारियों का खतरा भी कम होता।
ताड़ासन से बनी रहेगी दिल की सेहत
यूं तो ताड़ासन कई समस्याओं को दूर करने वाला आसन माना जाता है लेकिन सिगरेट पीने वालों के लिए यह बेस्ट है। यह योगासन छाती और दिल के आस-पास सही रूप में ऑक्सीजन पहुंचता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है।
कैसे करें?
इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाए और कमर व गर्दन को सीधा करें। अब अपने हाथ को सिर के ऊपर रखें और सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आएं। इस योगासन की कम से कम इसे 3-4 बार प्रैक्टिस करें।
त्रिकोनासन
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए त्रिकोनासन भी बेस्ट होता है। दरअसल, नियमित रूप से यह आसन करने पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके अलावा इससे बॉडी भी डिटॉक्स होती है। इसके अलावा यह योग कंधे और दिमाग में कैल्शियम के जमाव को रोकता है, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं।
कैसे करें?
इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को खोलकर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद हाथों को पैरों के समानांतर फैलाएं और पैरों के बीच में 2 फिट का गैप रखें। अब दाएं पैर के पंजो को दाएं हाथ से छूने की कोशिश करें। इस दौरान आपका दूसरा हाथ आसमान की ओर 90 डिग्री कोण पर होना चाहिए। 15-20 सेकंड तक इस पोजिशन में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आएं। इसके बाद यही क्रिया दूसरे हाथ से भी दोहराएं।
सेतुबंधासन
रोज सेतुबंधासन से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और यह शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन भी पहुंचाता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
कैसे करें।
इसके लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को कूल्हे की तरफ खींचें। फिर पैरों में थोड़ा अंतर रखकर हाथों से पैरों के टखनों को पकड़े। ध्यान रहे कि पैर एक-दूसरे के समानांतर न हों। अब पीठ, कूल्हे व जांघों के साथ ऊपर की ओर उठें। कमर को ज्यादा से ज्यादा ऊपर उठाएं और सिर व कंधे जमीन पर ही रखें। ध्यान रखें कि आपकी ठुड्डी छाती से टच करती हो। सांस लेते हुए इस स्थिति में कुछ देर रूके। फिर पहले पीठ और उसके बाद कमर जमीन पर ले आएं।