भारत में बहुत सी नदियां है। मगर बढ़ते प्रदूषण के चलते हर नदी का पानी गंदा होता जा रहा है। ऐसे में नदियों की खूबसूरती खराब हो रही है। मगर मेघायल राज्य में शिलॉन्ग से करीब 90 किलोमीटर दक्षिण की पर मावलिननांग गांव में 'उमनगोत नदी' के नाम से सबसे साफ नदी बहती है। असल में, इन नदी का पानी इतना साफ है कि यहां नाव पर सवारी करते समय कांच के ऊपर घूमने जैसे महसूस होगा। तो चलिए जानते हैं इस नदी के बारे में विस्तार से...
डौकी या डॉकी नदी (Dawki River) नाम से मशहूर
वैसे तो इसका नाम 'उमनगोत नदी' है। मगर पर्यटकों द्वारा यह 'डौकी या डॉकी नदी' के नाम से मशहूर है। यह भारत व बांग्लादेश की सीमा पर एशिया के सबसे साफ गांव 'मावलिननांग' (Mawlynnong) के पास से बहती है। साथ ही बांग्लादेश से गुजरने से पहले ये जयन्तिया और खासी हिल्स (Jaintia And Khasi Hills) के बीच से बहती है।
कांच जैसी साफ नदी
बात इस नदी की खासियत की करें तो इसका पानी इतना साफ है कि इसके अंदर की चीजें साफ दिखाई देती है। ऐसे में नाव पर घूमने व ऐसे लगेगा जैसी की कांच पर चल रहे हैं। साथ ही नदी के अंदर के पत्थर, स्टोन्स, हरियाली सब साफ दिखाई देगी। शीशे की तरह पारर्दशी इस नदी में आसानी से चेहरा देखा जा सकता है।
कहलाता है गॉड्स ऑन गार्डन
आपको बता दें, मावलिननांग गांव की सफाई को देखते हुए सन 2003 को इसे एशिया का सबसे साफ गांव का टैग मिला। साथ ही इसे 'गॉड्स ऑन गार्डन' का दर्जा दिया गया। बात नदी की करें तो यह एक्वेरियम की तरह दिखाई देती है। इसके अलावा नदी के पास से गुजरने पर भी पक्षियों की चहचहाहट, नदी में पड़ती सूरज की किरणें बेहद सुंदर लगती है। यहां का शांत व हरियाली से भरा वातावरण किसी का भी मन आसानी से जीत लेगा।
इस समय घूमना रहेगा सही
अगर आप भी शांति व सुकून भरी जगह ढूंढ़ रहे हैं तो यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं। यहां पर नवंबर से अप्रैल तक समय बेस्ट रहेगा। सर्दियों में नदी में भारी संख्या में मछलियां होती है। ऐसे में इसकी खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है। गांव में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। यहां पर प्लास्टिक का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होता है। साथ ही किसी द्वारा गंदगी फैलाने पर उसपर कार्रवाई की जाती है। ऐसे में गांव के लोग नदी व गांव की खूबसूरती बनाएं रखने का खास ध्यान रखते हैं।