नवरात्रि के दिनों में देश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमवाड़ा लगता है। मां वैष्णो देवी के धाम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है, माता के दर्शनार्थ भक्त दूर-दूर से पहुंच कर माता के दरबार में शीश झुका रहे हैं। माता अपने भक्तों को आशीर्वाद देकर उनका कल्याण करते हुए उनके सारे कष्ट हर लेती है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच छह दिनों में 1.76 लाख से अधिक तीर्थयात्री प्रसिद्ध वैष्णो देवी गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
जम्मू से 42 किलोमीटर की दूरी पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित तीर्थयात्रियों के आधार शिविर ‘कटरा’ में देश तथा विदेश के भक्तों के स्वागत की पूरी तैयारी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले छह दिनों में 1,76,174 तीर्थयात्रियों ने आधार शिविर से 12 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर में दर्शन किए। इनमें से नवरात्र के पहले दिन दो अप्रैल को सर्वाधिक 37,381 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
इसके बाद दूसरे नवरात्र को 33,340, तीसरे दिन 29,078, चौथे दिन 27,302, पाचंवे दिन 29,078 और छठे नवरात्र पर 20,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं।अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ना हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। औसतन 27,000 से अधिक तीर्थयात्री प्रतिदिन दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। इस नौ दिवसीय महोत्सव का समापन रविवार को ‘महानवमी’ के दिन ‘पूर्णाहुति’ के साथ होगा। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हजारों तीर्थयात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
नवरात्रि के मौके पर माता वैष्णो देवी के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप वैष्णो देवी मंदिर तक पैदल चढ़ाई नहीं कर सकते हैं, तो हेलीकॉप्टर सेवा या फिर डोली एवं खच्चर पर बैठकर मंदिर तक जा सकते हैं। मां वैष्णो देवी की यात्रा तब तक पूरी नहीं होती जब तक भैरो के दर्शन न किये जाए. इसलिए मां के मंदिर के ऊपर स्थित भैरो मंदिर जरूर जाएं।