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Pregnancy में मछली के सेवन से होता है बच्चे का अस्थमा से बचाव!

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 14 Jan, 2023 02:24 PM
Pregnancy में मछली के सेवन से होता है बच्चे का अस्थमा से बचाव!

एक अध्यन में पता चला है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मछली खाने से प्रेग्नेंसी बच्चे और मां दोनों को फायदा होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मछली खाने वाली महिलाओं के गर्भ में ही बच्चे का अस्थमा से बचाव होता है। ऐसे में फिश ऑयल के सप्लिमेंट्स लेने वाली महिलाओं के मामले में भी देखने को मिलता है। प्रेग्नेंसी में महिला को साल्मन, ट्राउट, ट्यूना मछलियों का सेवन करना चाहिए। ये मछलियां खासतौर पर फायदेमंद होती है। आईए जानते हैं प्रेग्नेंसी में मछली खाने के वेशुमार फायदे....

दिल के लिए

इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो ट्राइमग्लिसराइड के स्तर और बीपी को कम करते हैं।

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तनाव कम करती है

ओमेगा-3 फैटी एसिड डीएचए स्ट्रेस के प्रभाव को कम करने के लिए जाना जाता है।

प्रोटीन से भरपूर

फिश प्रोटीन और फाइबर से भी भरपूर होती है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज को रोकते हैं।

भ्रूण का असर

यह बालों, हड्डियों, त्वचा और मांसपेशियों के लिए बच्चे की कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है।

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प्रीटर्म बर्थ

जिन प्रेग्नेंट महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 होता है, उनमें समय से पहले बच्चे के जन्म होने का जोखिम कम होता है।

आंखों के लिए

इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो आंखों के लिए अच्छे होते हैं।

पेट की ऐंठन

प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली ऐंठन को रोकने में फिश फायदेमंद होती है।

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पोषण से भरपूर

इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, आयरन, कैल्शियम, नियासिन और फास्पोरस होते हैं।

भ्रूण का विकास

मछली प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है जो भ्रूण के विकास में मदद करता है


 

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