आज की व्यस्त और भागमभग की जिंदगी में हर कोई तनाव में जी रहा है। जहां तक महिलाओं का प्रश्न है, उनका तनाव भी कुछ कम नहीं। इस तनाव में उनके जीवन की सारी हंसी खुशी छीन ली है। आखिर क्या है तनाव की वजह? क्या तनावमुक्त जीवन नहीं जिया जा सकता ? महिलाओं में तनाव के कई कारण हो सकते हैं। कामकाजी महिलाओं को दोनों मोर्चे संभालने पड़ते हैं, इसलिए उनका तनाव भी दोहरा होता है। महिलाओं को परिवारिक कलह, बच्चों की पढ़ाई, आर्थिक परेशानी, शारीरिक अस्वस्थता, जिम्मेदारी नहीं निभा पाने, संतान न होने, संतान के भाग जाने या प्रेम विवाह करने आदि अनेक तनाव रहते हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की शोधकर्ताओं ने 13 हजार से ज्यादा कामकाजी महिलाओं पर शोध किया और पाया कि काम के दबाव से बोझ की वजह से हार्ट अटैक और एंजियोग्राफी तक की नौबत आ जाती है।
महिलाओं को आमतौर पर वे नौकरियां ऑफर की जाती है जहां उनसे अपेक्षाएं तो बहुत की जाती है लेकिन उनकी सेहत पर ध्यान कम रखा जाता है। जब समय पर लक्ष्य पूरा नहीं होता तो तनाव बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। कामकाजी महिलाओं पर घरेलू काम का भी तनाव रहता है। दरअसल घर का काम बाहर के काम से ज्यादा थकाऊ होता है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ फोडेसिप के वैज्ञानिकों की एक शोध के अनुसार घर के काम जैसे खाना पकाना, सफाई करना, पोंछा लगाना और राशन का समान खरीदना उनके दिल के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने 100 कामकाजी और घरेलू महिलाओं पर किए अध्ययन में पाया कि जो महिलाएं पूरे वक्त घर के काम में लगी रहती हैं उनका रक्तचाप हमेशा उच्च रहता है। शोधकर्ताओं के अनुसार काम के बोझ से ज्यादा काम करने के बारे में सोचने से तनाव होता है। हाल ही में हुए एक अन्य शोध के मुताबिक कामकाजी महिलाओं के तनाव घातक हो सकता है। यह शोध समान्य आयु वर्ग की 17415 महिलाओं पर किया गया। यदि कामकाजी महिलाएं अपनी जॉब सिक्योरिटी को लेकर परेशान हैं, ओवरवेट हों उन्हे होर्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
तनाव की वजह से महिलाओं को उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, अचप और अनिद्रा जैसे रोग तो होते ही हैं, मसूड़ों के सड़ने से लेकर खांसी और बुखार जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। तनाव की वजह से एड्रेनिल और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन निकलते हैं, जिसके कारण धड़कन तेज होने, सांस की गति बढ़ने के अलावा रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। एचआई वी जैसे वायरसों से लड़ने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यहां तक की इससे कैंसर का भी खतरा रहता है। जो महिलाएं अधिक तनावग्रस्त रहती हैं वे डिप्रेशन में चली जाती हैं। उनके मन में आत्महत्या के विचार आने लगते हैं तथा कुछ तो इसे अंजाम भी दे देती है।
ऐसे करें तनाव दूर
भरपूर नींद लें, सुबह की सैर करें, मधुर संगीत सुनें
अपनी चिंता को अपनों के सामने व्यस्त करें
लंबी सांसे लें ताकि अधिक मात्रा में आक्सीजन मिल सके
वह काम करें जिससे आपका दिल खुश हो
आशावादी रहें, दुविधा में हो तो शांत मन से सोचें
अच्छे पलों को याद करें तथ कड़वी यादों को भुला दें
छोटी- छोटी बातों को नजरअंदाज करना सीखें
कार्यक्षमता की सीमा को ध्यान में रखकर ही लक्ष्य पतय करें
बागवानी में दिलचस्पी लें, योग क्रियाएं करें