टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस को हिंदी में तपेदिक और क्षय रोग जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह फेफड़ों के संक्रमण से संबंधित बीमारी है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणुओं के शरीर में प्रवेश करने से होता है। जो सबसे पहले फेफड़ों को प्रभाावित करते हैं। जिसकी वजह से टीबी रोग हो जाता है। वैसे तो यह रोग किसी भी उम्र में इंसान को घेर सकता है लेकिन यह संक्रमित बीमारी बच्चों पर जल्दी प्रहार करती है। आइए जानें बच्चों में टीबी के लक्षण, बचाव और घरेलू तरीके
बच्चों में टीबी
टीबी किसी भी उम्र के शिशुओ को हो सकता है लेकिन ज्यादातर 1 से 4 साल की उम्र के बच्चे इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं। इसके पीछे का कारण है उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होना। छोटे बच्चो बड़ो के साथ ज्यादा समय बिताते हैं और टीबी के जीवाणु बहुत जल्दी दूसरों तक फैलते हैं। टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बच्चे को संक्रमण होने का डर बना रहता है। बच्चे के अंग बहुत नाजुक होते हैं और इसके शुरुआती लक्षण पहचान कर इलाज करवाना बहुत जरूरी है। अनदेखी और नजरअंदाजी करने से बच्चे की जान को खतरा भी हो सकता है।
कैसे होता है टीबी
कुछ लोगों के शरीर में ट्यूबरकुलोसिस की इंफैक्शन रक्त वाहिकाओं के जरिए अन्य हिस्सों जैसे गुर्दे,बोन मैरो, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में फैल जाती है। इसकी पहचान और सही समय पर जांच करवाना बहुत जरूरी है। सही समय पर इसका इलाज संभव है।
टीबी रोग के लक्षण
दो हफ्ते से ज्यादा खांसी रहना
लो-ग्रेड बुखार
वजन घटने लगना
भूख की कमी
थोड़ा-सा चलने और खेलने पर थकान होना
त्वचा का पीला या लाल होना
लिम्फ ग्लैंड्स में सूजन
टीबी से बचाव
टीबी बहुत घातक रोग है, इससे बच्चे को बचाने के लिए पैदा होते ही BCG का टीका लगाया जाता है। शिशु के टीकाकरण में लापरवाही न करें।
सांस लेने में तकलीफ
बच्चे को जन्म के बाद टीका करण जरूर करवाएं।
कम से कम 6 महीने तक मां का दूध बच्चे को पीलाएं।
शिशु के आसपास की जगह साफ रखें।
घर में सूरज की पर्याप्त रोशनी आने दें।
बच्चे के आस-पास धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
टीबी मरीज के पास बच्चे को बिल्कुल भी न लेकर जाएं।
बच्चे को पौष्टिक और संतुलित आहार खिलाएं।
टीबी के लिए आहार
1. ताजे फल और सब्जियां
रोगी को ज्यादा मात्रा में ताजे फल और सब्जियां खानी चाहिए। इससे शरीर को पोषण मिलता है और टीबी रोग से लड़ने में लड़ने में शक्ति मिलती है। केला, गूसबेरी, अन्नास, संतरा,नट्स, खीरा, टमाटर व आलू आदि का सेवन करें।
2. दूध
इस रोग में प्रोटीन और कैल्शियम का सेवन बहुत जरूरी है। टोंड दूध का सेवन जरूर करें।
3. प्रोटीन
दूध,मछली,मटर,बींस और प्रोटीन युक्त आहार खाने से दवाइयां जल्दी असर करती हैं।
4. विटामिन डी
विटामिन डी की कमी होने पर भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। टीबी रोगी को विटामिन डी युक्त आहार और धूप में बैठने से फायदा मिलता है।
5. आयरन
टीबी के रोगी को खून की कमी हो जाती है। इससे बचने के लिए आयरन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। सेब,पालक,ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन करें।
टीबी का इलाज
बच्चे में इस तरह के लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टरी चेकअप करवाएं और डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ डाइट पर पूरा ध्यान दें।