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Lunar Eclipse: इस दिन साल का आखिरी चंद्रग्रहण, गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां

  • Edited By neetu,
  • Updated: 18 Nov, 2021 10:16 AM
Lunar Eclipse: इस दिन साल का आखिरी चंद्रग्रहण, गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां

19 नवंबर को साल का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। वैसे तो इसे आंशिक यानि उपछाया ग्रहण बताया जा रहा है। इसलिए इस ग्रहण के दौरान कोई सूतक काल नहीं होगा। वहीं ज्योतिषशास्त्र अनुसार, भारत पर इस चंद्र ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी जब एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया सीधे चंद्रमा पर पड़ने लगती है तो इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। वैसे तो यह एक ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है। मगर फिर भी इसका ज्योतिष व धार्मिक महत्व माना जाता है। ऐसे में इस दौरान कुछ खास नियमों की पालना करनी चाहिए। वहीं ज्योतिषशास्त्र अनुसार, गर्भवति महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करने की जरूरत होती है। नहीं तो इसका पूरा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण दौरान गर्भवति महिलाओं के किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...

तीखी व धारदारी चीजों का इस्तेमाल ना करें

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण लगने से समाप्ति तक किसी भी तरह की तीखी व धारदारी चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इन्हें इस दौरान काटना, पिरोना, सिलना आदि काम भी नहीं करने चाहते हैं। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, इससे गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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ग्रहण काल दौरान कुछ भी खाए-पीए ना

वैसे तो ग्रहण दौरान बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती को इसके नियमों की छूट होती है। मगर फिर भी गर्भवती महिलाओं को इस काल में कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि इस अवधि में रखा हुआ खाना खराब हो जाता है।

सोने से बचें

धार्मिक मान्यताओं अनुसार, ग्रहण काल में गर्भवति महिलाओं को सोने से भी बचना चाहिए। इस दौरान पूरी तरह से भगवान की भक्ति में मन लगाना चाहिए। ग्रहण के समय मुंह में तुलसी का पत्ता रखकर दुर्गा स्तुति का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है।

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ग्रहण काल में घर से बाहर ना जाए

ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर गलती से भी जाना नहीं चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस समय ग्रहण की छाया पड़ना अशुभ माना जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को तो इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है कि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक व मानसिक तौर पर परेशानी हो सकती है।

ग्रहण काल समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करें

कहा जाता है कि ग्रहण काल के समाप्त होने पर स्नान जरूर करना चाहिए। नहीं तो गर्भ में पल रहे शिशु के स्किन संबंधी रोग हो सकता है।

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