महिलाएं पीरियड्स से जुड़ी किसी ना किसी बात को लेकर परेशान रहती हैं लेकिन झिझक या शर्म के चलते इसे किसी से शेयर नहीं करती। इसी में से एक समस्या है लाइटर पीरियड्स यानि खुलकर ब्लीडिंग ना हो या 2 दिन से कम समय तक पीरियड्स रहना। महिलाएं इसे मामलू समझ इग्नोर कर देती हैं लेकिन यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
क्या है लाइटर पीरियड्स(Light period)?
आमतौर पीरियड्स साइकल 21 से 35 दिनों का होता है, जिसकी अवधि हर महीने 2 से 6 दिनों तक होती है। मगर, कुछ महिलाओं को तो 1 दिन से ज्यादा मासिक स्त्राव नहीं हो पाता। इससे उम्र से पहले मेनोपॉज के अलावा कई बीमारियों का खतरा रहता है।
पीरियड्स खुलकर ना आने के कारण
हार्मोन्स में गड़बड़ी
अगर पीरियड्स 2 दिन से कम या 7 दिन से ज्यादा होते हैं तो किसी महिला रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। क्योंकि यह हार्मोन्स में गड़बड़ी के कारण हो सकता है। हालांकि ऐसा होना सामान्य माना जाता है।
वजन घटना या बढ़ना
अचानक वजन घटने या बढ़ने का असर भी मासिक धर्म पर पड़ता है। इससे वजह से ब्लीडिंग कम हो सकती है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही हैं तो उसके कारण भी इसकी अवधि कम हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे हार्मोन्स पर असर पड़ता है।
खून की कमी
जिन औरतों में खून की कमी या एनीमिया की शिकायत होती है, उन्हें भी पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम होती है। ऐसे में आपको अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए।
सर्वाइकल स्टेनोसिस
सर्वाइकल स्टेनोसिस (Cervical Sstenosis) या एशरमैन सिंड्रोम (Asherman's Syndrome) जैसी बीमारी के कारण भी पीरियड्स खुलकर नहीं आते।
थायराइड
थायराइड, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों भी महावारी पर असर डालती हैं। इसके अलावा यूट्रेरिन फाइब्रॉयड यानि बच्चेदानी में छोटे-छोटे सिस्ट के कारण भी पीरियड्स खुलकर नहीं आते।
इन दिनों क्या करें और क्या नहीं?
- हेल्दी और ताजा खाना खाएं
- स्पासी और ऑयली चीजें ना खाएं
- ठंडा पानी की जगह गुनगुना पानी पीएं
- पेट दर्द में गर्म पानी की सिंकाई करें
- भारी काम करने से करें परहेज
-गर्भनिरोधक गोलियां का सेवन कम करें।
-योग एक्सरसाइज जरूर करें। अच्छी डाइट लें पानी का भरपूर सेवन करें।