समय से पहले पैदा हुए शिशु को प्रीमेच्योर बेबी कहते हैं। इन शिशुओं की ग्रोथ बाकी नॉर्मल बच्चों के मुकाबले थोड़ी धीमी होती है। इसके अलावा समय से पहले जन्मे बच्चों का वजन भी 2 किलो से कम हो सकता है। प्रीमेच्योर बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी अक्सर अधूरा रह जाता है, ऐसे में पेरेंट्स प्रीमेच्योर बच्चों की सही देखभाल करके उनका वजन बढ़ा सकते हैं और उनके शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कैसे पेरेंट्स प्रीमेच्योर बेबी की केयर कर सकते हैं...
रखें साफ-सफाई का ध्यान
नवजात शिशु को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाने के लिए सफाई का पूरा ध्यान रखें। सफाई रखने के लिए शिशु को समय-समय पर कॉटन के साथ साफ करते रहें। इसके अलावा शरीर से मैल साफ करने के लिए आप गुनगुने पानी का प्रयोग कर सकते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप शिशु की सही ग्रोथ सुनिश्चित कर सकते हैं।
दें कंगारु थेरेपी
कंगारु थेरेपी के जरिए आप बच्चे के शरीर को गर्मी देकर उसका वजन बढ़ा सकते हैं। लेकिन जरुरी नहीं कि इस थेरेपी में सिर्फ मां ही शिशु को स्पर्श करेगी। घर का कोई भी सदस्य साफ-सफाई के साथ शिशु के शरीर को गर्माहट दे सकता है।
तापमान का रखें खास ध्यान
नवजात शिशु की सही ग्रोथ के लिए आप कमरे के तापमान का खास ध्यान रखें। इस बात का ख्याल रखें कि आसपास का वातावरण आरामदायक और सुरक्षित हो ज्यादा ठंडे और गर्म पानी से भी भी बचे को नुकसान हो सकता है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को सीधा पंखे या कूलर के पास न लेकर जाएं। यदि शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास भी जरुर ले जाएं।
रहता है इंफेक्शन का खतरा
समय से पहले जन्मे बच्चों को इंफेक्शन का खतरा रहता है। इन बच्चों को एनीमिया की सम्सया हो सकती है। इसके अलावा पीलिया, रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, हाइपोथर्मिया आदि बीमारियों का खतरा भी रहता है।
जरुर करवाएं स्तनपान
मां के दूध में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शिशु का विकास करने में मदद करते हैं। इसके अलावा मां का दूध पीने से शिशु का वजन भी बढ़ता है। छह महीने तक स्तनपान आप बच्चे को जरुर करवाएं।