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कहीं आपकी ये गलती बर्बाद न कर दे बच्चे की जिंदगी

  • Edited By Shiwani Singh,
  • Updated: 23 Aug, 2021 05:04 PM
कहीं आपकी ये गलती बर्बाद न कर दे बच्चे की जिंदगी

हम जो भी करते हैं उसका असर बच्चों पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि पेरैंट्स बच्चों के सामने ऐसा कोई व्यवहार न करें जिसका बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। एक अध्ययन के मुताबिक बच्चा जैसे वातावरण में पलता-बढ़ता है, सबसे पहले उन्हीं चीजों का उस पर प्रभाव पड़ता है। पेरैंट्स के लिए जरूरी है कि वे अपने बच्चे की परवरिश बेहतर माहौल में करें और भूलकर भी उसके सामने आगे बताए गए व्यवहारों को न करें-

पारिवारिक लड़ाई-झगड़ा

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बच्चे की परवरिश माता-पिता पर निर्भर करती है। अगर आप अपने बच्चे की परवरिश अच्छे माहौल में करेंगे तो आपका बच्चा अच्छी बातें सीखेगा। बच्चे के विकास के लिए जरूरी है कि उसे घर में अच्छा माहौल मिले। बच्चे को हमेशा घर में होने वाले पारिवारिक लड़ाई-झगड़े से दूर रखें। 
 
झूठ बोलना

ज्यादातर बच्चों में झूठ बोलने की आदत अपने पेरैंटस से ही आती है। आपने देखा होगा दरवाजे पर जब कोई ऐसा व्यक्ति आ जाए जिससे आप मिलना नहीं चाहते तो आप बच्चों से झूठ बोलने के लिए कहते हैं कि जाकर बोल दो पापा या फिर मम्मा घर पर नहीं हैं। उस समय तो आपको ये बातें इतनी बड़ी नहीं लगतीं लेकिन बच्चा यहीं से झूठ बोलना सीखने लगता है।

अभद्र भाषा का इस्तेमाल

अक्सर पेरैंट्स फोन पर या फिर घर के किसी सदस्य से बात करते हुए गुस्से में अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर देते हैं। आप इन बातों को बोलकर तो निकल जाते हैं लेकिन इसका असर बच्चों पर पड़ता है।  

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धूम्रपान करना

बच्चों का दिल मासूम होता है। उन्हें अच्छे बुरे की पहचान नहीं होती। हम जैसा व्यवहार करते, खाते-पीते हैं बच्चा उन्हें ध्यान से देखता और अपनाने लगता है।  माता-पिता को चाहिए की वे भूलकर भी बच्चे के सामने धूम्रपान न करें। अगर आप बच्चे के सामने ऐसा व्यवहार करेंगे तो आपके न चाहते हुए भी बच्चा आगे इन आदतों को अपना सकता है।

तुलना करना

कई बार माता-पिता जानकर, तो कभी जाने-अंनजाने में बच्चे की तुलना पड़ोसी या फिर रिश्तेदारों के बच्चों से कर देते हैं, जो गलत है। पेरैंट्स के इस व्यवहार से बच्चों के मन में हीन भावना पनप सकती है। जिस बच्चे से आपने तुलना की, उसे लेकर बच्च्चा हिंसक हो सकता है।

क्या करें पेरैंट्स

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• बच्चों के साथ समय बिताएं।
• बच्चों की पसंद ना पसंद को समझें।
• बच्चों के साथ खेलें और किताबें पढ़ें।
•  गलती पर मारने की जगह प्यार से समझाएं।
• बच्चों को घर में अच्छा माहौल दें

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