आज साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। चंद्रग्रहण को ज्योतिषा दृष्टि के अनुसार, बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ समय पहले अप्रैल महीने में साल का पहला सूर्यग्रहण लगा था। अब साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण आज रात 08:45 पर शुरु होगा और देर रात 1 बजे खत्म होगा। यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा। जब पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया सिर्फ एक ओर होती है तो उसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण को एक भौगोलिक घटना माना जाता है पंरतु शास्त्रों की मानें तो पूर्णिमा की रात को राहु और केतु चंद्रमा को निगलने का प्रयास करते हैं तभी चंद्रमा पर ग्रहण यानी की चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्र देव पर आए इस संकट के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके अलावा चंद्रग्रहण को लेकर यह भी मान्यता है कि चंद्रग्रहण में चांद देखना शुभ नहीं माना जाता है। तो आइए आपको बताते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान चांद क्यों नहीं देखना चाहिए...
क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्रग्रहण
सूर्यग्रहण को खुली आंखों से देखना वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि ये आंखों के लिए भी शुभ नहीं माना जाता है जबकि चंद्रग्रहण को देखा तो जा सकता है परंतु धार्मिक मान्यताओं की मानें तो ग्रहण काल को नहीं देखना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान घर के बाहर निकलना और ग्रहण को देखना अच्छा नहीं माना जाता है। क्योंकि ग्रहण को देखने के दौरान प्रकृति में कुछ समय के लिए विचित्र शक्ति उत्पन्न होती है जो बाकी प्राणियों को भी प्रभावित करती है।
भारत में नहीं दिखेगा इसका असर
चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और न ही सूतक काल भारत में मान्य होगा।
इन जगहों पर दिखेगा असर
यह एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिसे हर जगह नहीं देखा जाएगा। इसके अलावा यह यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्टकटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखेगा।
ग्रहण के दौरान न करें ये काम
ग्रहण के दौरान कभी भी सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, भोजन पकाना, खाना खाना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। ग्रहण के बाद पवित्र नदीं में जाकर स्नान, दान और पुण्य कार्य करना शुभ माने जाते हैं।