नवजात बच्चों को भरपूर पोषण के लिए मां का दूध बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही कहा जाता है की जो बच्चे मां के दूध से वंचित रह जाते हैं वह किसी ना किसी भी इंफैक्शन से जल्द पीड़ित हो जाते हैं। वह आंतरिक तौर पर कमजोर होते हैं। मां का दूध बच्चे के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए हर बीमारी से लड़ने में कारगार साबित होता है। नवजात शिशु और बच्चे को पर्याप्त सुरक्षा, स्नेह और पोषण की जरूरत होती है जो सिर्फ मां के दूध से ही मिल पाती है। इसी के साथ चलिए अब हम विस्तार से जानते हैं स्तनपान से बच्चों को क्या फायदा हो सकता और यह जरूरी क्यों होता है।
मां के दूध का अन्य कोई विकल्प नहीं है
स्तनपान जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर शुरू किया जाना चाहिए। बच्चे को लगातार स्तनपान के साथ 6 महीने की अवस्था तक स्तनपान कराने की सिफ़ारिश की जाती है। बहुत सारी महिलाएं स्तनपान नहीं करवाती लेकिन स्तनपान से वंचित रहने वाले बच्चे मानसिक औऱ शारीरिक तौर पर कमजोर होते हैं।
बच्चे के लिए क्यों जरूरी है मां का दूध
नवजात बच्चे के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास होता है।
- एक शोध के अनुसार, प्रीमैच्योर बच्चों के लिए मां का दूध विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इससे बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य सीधे तौर पर प्रभावित होता है। प्रीमैच्योर बच्चे का दिमाग आमतौर पर पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। इसलिए उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
-अधिक स्तनपान करने वाले बच्चों का ब्रेन वॉल्यूम अधिक बड़ा होता है।
-मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।
-मां का दूध पचाने में त्वरित और आसान होता है।
- यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जो उसे बहुत सारे इंफैक्शन से सुरक्षित करता है।
- दिमागी विकास में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
-स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।
आपको बता दें कि मां का दूध सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि खुद मां की सेहत के लिए फायदेमंद है।
- इससे महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम रहती है।
- यह प्रसव पूर्व खून बहने और एनीमिया की संभावना को कम करता है।
- इससे महिला को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना वापिस मिलने में सहायता मिलती है।
- ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं में मोटापा सामान्य होता है।