25 APRTHURSDAY2024 4:59:28 AM
Nari

पावर-लिफ्टर में करियर चुनने वाली J&K की पहली महिला, पति ने दी साइमा के सपनों को उड़ान

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 19 Feb, 2021 04:41 PM
पावर-लिफ्टर में करियर चुनने वाली J&K की पहली महिला, पति ने दी साइमा के सपनों को उड़ान

भारतीय समाज में महिलाओं को हमेशा से ही कमजोर और नाजुक समझा जाता है। वहीं, बात जब पहलवानी की हो औरतों को इस खेल के लायक नहीं समझा जाता। हालांकि दुनिया में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने पहलवानी यानि बॉडी बिल्डिंग में अपना नाम कमाया। वहीं, इस लिस्ट में अब श्रीनगर की रहने वाली साइमा उबैद का नाम भी जुड़ गया है, जिन्होंने पावर-लिफ्टर कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की।

पावर-लिफ्टर में करियर चुनने वाली पहली महिला

दरअसल, पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा पहली बार जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के लिए पावर-लिफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इससे पहले पावर-लिफ्टिंग प्रतियोगिता सिर्फ पुरुषों के लिए आयोजित किया जाता था। इसमें साइमा उबैद ने हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीत ना सिर्फ अपने क्षेत्र बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। उन्होंने दिसंबर 2020 में 255 कि.ग्रा. वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता।

PunjabKesari

बचपन से पॉवर लिफ्टिंग का शौक

इसी के साथ कश्मीर की पहली महिला भी बन गई हैं, जिन्होंने पावर-लिफ्टर के रूप में अपना करियर चुना है। मीडिया को इंटरव्यू देते हुए साइमा ने बताया कि उन्हें बचपन से पावर लिफ्टिंग का शौक था। वह इसी फिल्ड में अपना करियर बनाना चाहती थी।

पति ने दी पावर लिफ्टिंग की ट्रेनिंग

साइमा का वजन बेटी को जन्म देने के बाद काफी बढ़ गया था लेकिन कड़ी मेहनत और पति के सपोर्ट से उन्होंने 45kg वजन कम कर लिया। साइमा के पति उबैज हाफिज भी एक पावर लिफ्टर व ट्रेनर हैं, जिन्होंने ना सिर्फ प्रशिक्षित किया बल्कि उन्हें गोल्ड मैडल जीतने में भी काफी मदद की। उनका कहना है कि साइमा में वो पोटेंशियल था इसलिए मैंने उन्हें पॉवर-लिफ्टिंग के लिए प्रेरित किया।

PunjabKesari

महिलाओं के लिए बनना चाहती है मिसाल

बता दें कि श्रीनगर के साइमा ने गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमन से होम साइंस में डिग्री ली है। वह अब महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षक के रूप में काम कर रही है और साथ ही साथ खुद भी वर्कआउट करती है। अक्सर महिलाएं समाज के डर से अपने पंख काट लेती हैं लेकिन साइमा उन महिलाओं के लिए उदाहरण बनना चाहती हैं जो अपने सपने को पूरा नहीं कर पाती।

प्रेगनेंसी के बाद आई दिक्कतें

उन्होंने बताया कि शादी के बाद उन्हें कुछ हैल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता, जिसके वजह से उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी हुए। लेकिन जल्द ही वह रिकवर हो गई और एक बच्ची की मां बन गई। हालांकि इसके कुछ साल बाद उन्हें रीढ़ की हड्डी में समस्या हुई लेकिन उन्होंने इसे अपने करियर में बाधा नहीं बनने दिया और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।

PunjabKesari

Related News