नारी डेस्क: पिछले कुछ वर्षों में, कीटो डाइट ने वजन घटाने के क्षेत्र में काफी लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन हाल ही में की गई एक नई रिसर्च ने चौंकाने वाले परिणाम सामने लाए हैं। इस रिसर्च से पता चला है कि कीटो डाइट का लंबे समय तक सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। जानिए इस रिसर्च क्या हैं और कैसे यह डाइट आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है।
डायबिटीज का खतरा कैसे बढ़ता है?
जो लोग कम सेचुरेटेड फैट्स वाले फूड आइटम्स का अधिक सेवन करते हैं, उनके शरीर में फाइबर की मात्रा कम हो जाती है। यदि वे पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं, तो उन्हें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
कीटो डाइट क्या है?
कीटो डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेहद कम होती है, जबकि फैट्स की मात्रा अधिक होती है। इस डाइट का उद्देश्य शरीर को किटोसिस की स्थिति में लाना होता है, जिससे शरीर ऊर्जा के लिए वसा का उपयोग करता है। कीटो डाइट में आमतौर पर 70% गुड फैट्स, 20% प्रोटीन और 10% कार्बोहाइड्रेट्स शामिल होते हैं। इसमें मांस, फिश, अंडा, पत्तागोभी, और कम स्टार्च वाली सब्जियाँ शामिल हैं।
अध्ययन में क्या पाया गया?
अध्ययन के अनुसार, सेचुरेटेड फैट्स वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है, जो टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है। प्रोफेसर बारबोरा डी कोर्टेन ने बताया कि इनसे वजन बढ़ सकता है और डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। कम कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 20% तक बढ़ सकता है।
एक्सपर्ट्स की सलाह
ज्यादा मात्रा में कम कार्ब वाले फूड्स का सेवन करने से बचें। हमारे शरीर को संतुलित मात्रा में फैट्स की आवश्यकता होती है। सफेद चीनी, सफेद ब्रेड, चावल और आलू की जगह एवोकाडो, नट्स और ऑलिव ऑयल का सेवन करना चाहिए। संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधियाँ सभी के लिए आवश्यक हैं।
फाइबर की कमी
कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों में फाइबर की कमी होती है। फाइबर की कमी से शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रण में नहीं रहता, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियाँ डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।
वजन बढ़ने की संभावना
कीटो डाइट का अधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है, जो टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। वजन नियंत्रण और संतुलित आहार के बिना, कीटो डाइट का अधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
इस प्रकार, कीटो डाइट के स्वास्थ्य प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, उचित और संतुलित आहार को अपनाना सबसे बेहतर है।