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भारत का इकलौता कुबेर मंदिर, जहां ताला न लगाने की अद्भुत परंपरा!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 29 Oct, 2024 02:04 PM
भारत का इकलौता कुबेर मंदिर, जहां ताला न लगाने की अद्भुत परंपरा!

नारी डेस्क: भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जिनकी अद्भुत कहानियां और धार्मिक महत्व हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि एक ऐसा मंदिर भी है जहां ताला लगाने की आवश्यकता नहीं होती? जी हां, यह सच है! मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित खिलचीपुरा का कुबेर मंदिर इस विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, जहां धन के देवता कुबेर की पूजा होती है और यहां ताला नहीं लगाया जाता।

खिलचीपुरा का कुबेर मंदिर

खिलचीपुरा का कुबेर मंदिर अपने अनोखे इतिहास और धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं का केंद्र बना हुआ है। यहां भगवान कुबेर और शिव परिवार की एक साथ पूजा की जाती है। इस मंदिर का गर्भगृह हमेशा खुला रहता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

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दिवाली और धनतेरस पर विशेष पूजा

दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जब भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है। धनतेरस के दिन, श्रद्धालु इस मंदिर में आकर आर्थिक समृद्धि और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन मंदिर में विशेष तंत्र पूजा का आयोजन भी किया जाता है, जो सुबह 4 बजे से प्रारंभ होती है। भक्तों का मानना है कि इस पूजा में शामिल होने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

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खास अवसरों पर पूजा

धनतेरस और दिवाली जैसे खास अवसरों पर यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन भक्तगण अपनी आर्थिक समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

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सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियां

खिलचीपुरा के कुबेर मंदिर की मूर्तियां सैकड़ों साल पुरानी हैं, जो भारतीय संस्कृति की अद्भुत धरोहर का प्रतीक हैं। यहां स्थापित कुबेर जी की चतुर्भुज मूर्ति के एक हाथ में धन की पोटली, दूसरे में शस्त्र और अन्य में एक प्याला है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पहले यहां दरवाजे नहीं थे, और आज भी गर्भगृह में ताला न लगाने की परंपरा को बनाए रखा गया है।

श्रद्धालुओं की भीड़

भक्तजन हवन और महाआरती का आयोजन कर भगवान कुबेर और शिव परिवार की पूजा करते हैं। धनतेरस और दिवाली के समय इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्तजन यहां  पूजा करते हैं। यह मंदिर न केवल मंदसौर और मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, बल्कि अन्य राज्यों से भी भक्तों को अपनी ओर खींचता है।

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धार्मिक महत्व

खिलचीपुरा का कुबेर मंदिर अपने अनोखे धार्मिक महत्व और ताला न लगाने की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक बना हुआ है, जो इस स्थान को एक विशेष दिव्यता प्रदान करता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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इस प्रकार, खिलचीपुरा का कुबेर मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है। धनतेरस और दिवाली जैसे अवसरों पर यहां की विशेष पूजा और भी महत्वपूर्ण बन जाती है।
 

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