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मूड, नींद और सेहत के लिए जरूर सेकें धूप, जानें सूरज की रोशनी में बैठने का क्या है सही समय

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Nov, 2024 01:11 PM
मूड, नींद और सेहत के लिए जरूर सेकें धूप, जानें सूरज की रोशनी में बैठने का क्या है सही समय

नारी डेस्क: सूर्य की किरणें शरीर में विटामिन डी  का प्राकृतिक स्रोत हैं। विटामिन डी हमारी हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम, और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। सूर्य की किरणें स्वास्थ्य का खजाना हैं, लेकिन उन्हें सही समय और सीमा में लेना ही सही तरीका है। सूर्य की रोशनी से विटामिन डी कैसे और कब लें, यह समझना महत्वपूर्ण है ताकि आप इसके अधिकतम लाभ उठा सकें।  

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सूर्य से विटामिन डी कैसे मिलता है?

जब हमारी त्वचा सूर्य की UVB किरणों  के संपर्क में आती है, तो यह शरीर में विटामिन डी3 का उत्पादन शुरू करती है।   यह विटामिन डी का सक्रिय रूप है, जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है।  


विटामिन डी लेने का सही समय

 सुबह की सूरज की किरणें हल्की होती हैं और त्वचा पर कोमल प्रभाव डालती हैं। सुबह 8:00 से 10:00 बजे  के बीच सूर्य की किरणें लेना अधिक सुरक्षित और फायदेमंद है।  इस समय UVB किरणें त्वचा को कम नुकसान पहुंचाती हैं। दोपहर 11:00 से 1:00 बजे के बीच सूर्य की किरणों में UVB किरणें सबसे ज्यादा होती हैं, जिससे विटामिन डी का उत्पादन तेजी से होता है।  हालांकि, इस समय सूर्य की किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं (सनबर्न और स्किन कैंसर का खतरा)।  अगर आप इस समय धूप लेते हैं, तो 10-15 मिनट से ज्यादा समय न बिताएं।  

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ध्यान देने योग्य बातें

- कपड़ों या सनस्क्रीन से ढकी त्वचा सूर्य की किरणों को अवशोषित नहीं कर पाती। इसलिए, हाथ, पैर, और चेहरे को खुला रखें।  
-अधिक समय तक तेज धूप में रहने से बचें।  
- कांच के माध्यम से सूर्य की किरणों से विटामिन डी नहीं बनता।  


विटामिन डी से शरीर को होने वाले फायदे   

हड्डियों की मजबूती: यह कैल्शियम को अवशोषित करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।  ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स** जैसी बीमारियों से बचाता है।  

 इम्यून सिस्टम मजबूत करता है: शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।  सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों को रोकने में सहायक है।  

दिल का स्वास्थ्य: यह दिल की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।  

मानसिक स्वास्थ्य: - डिप्रेशन को कम करने और मूड सुधारने में मदद करता है।  यह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) को नियंत्रित करता है।  

मोटापे और डायबिटीज का खतरा कम करता है: विटामिन डी शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है।  

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 विटामिन डी की कमी के लक्षण

1. थकान और कमजोरी।  
2. हड्डियों और जोड़ों में दर्द।  
3. बालों का झड़ना।  
4. बार-बार संक्रमण होना।  
5. मांसपेशियों की कमजोरी।  

विटामिन डी शरीर के लिए आवश्यक है, और इसे प्राकृतिक रूप से प्राप्त करना सबसे अच्छा तरीका है।  इसे सही मात्रा में लेने से आपकी हड्डियां, इम्यून सिस्टम, और समग्र स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।  यदि आपको विटामिन डी की कमी है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।  
 

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