कुछ माता- पिता इस बात से परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा रात को ठाीक से सो नहीं पाता है। वह डर के मारे नींद में ही चिल्लाने, रोने व कांपने लगता है। इसे नाइट या स्लीप टेरर कहा जाता है। बहुत से लोग समझते हैं कि उनके बच्चे बुरे सपने देखने के कारण ऐसा बिहेव करते हैं। मगर यहां हम आपको बता दें, कि असल में नाइट टेरर बुरे सपनों से कुछ आगे बढ़कर होता है। इसमें बच्चे सिर्फ डरावने सपने ही नहीं देखते हैं बल्कि अपनी नींद में ही कुछ हिंसक काम को करते या सहते हैं। इसी वजह से बच्चे जोर-जोर से रोने व चिल्लाने लगते हैं। समय रहते इस पर ध्यान न देने से यह बच्चे के शारीरिक व मानिसक विकास में समस्या पैदा कर सकता है। तो चलिए आज हम आपको बच्चों को होने वाले नाइट टेरर के लक्षण, कारण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में बताते हैं। मगर उससे पहले नाइट टेरर के बारे में जानते हैं विस्तार से...
नाइट टेरर
नाइट टेरर वह समस्या होती है जब बच्चा ठीक से सो नहीं पाता है। असल में, ये नींद आने के शुरू के कुछ घंटों में बच्चा महसूस करता है। ऐसे में बच्चे को गहरी नींद में जानें में मुश्किल होती है। इस समय दौरान बच्चा डर के मारे चिल्ला या रो सकता है। बहुत से बच्चे इस परिस्थिति में जोर-जोर से अपने हाथों व पैरों को बैड पर मारने लगते हैं। मगर यह एक टेरर अटैक होने के कारण बच्चे को जागने के बाद कुछ भी याद नहीं रहता है। जिस तरह हम लोग सपने लेते हैं ठीक उसी तरह बच्चा को नाइट टेरर का अनुभव होता है।
नाइट टेरर के कारण
तनाव का होना
सोते समय डरावने सपने देखने
ज्यादा थकान व कमजोरी होना
बुखार होना
बार- बार बाथरूम आने की समस्या
शोर वाली जगह पर सोना
खराब रोशनी वाली जगह पर सोना
ऐसे में माता- पिता का फर्ज बनता है कि वे अपने बच्चे का टाइम चेबल सेट कर उसे अच्छे से फॉलो करवाएं। ताकि बच्चा सही समय पर गहरी व पूरी नींद ले सके।
बच्चे को नाइट टेरर होने पर आपको दिखेंगे ये लक्षण
- हर समय बच्चे का डरना
- डर के मारे चिल्लाना, चीखना और जोर- जोर से रोना
- तेज गति से सांस लेना
- सोते हुए डरावना सपना देखकर नींद में ही चिल्लाना या रोना
- बच्चे को अधिक मात्रा में पसीना आना
- डर के मारे शरीर के अंगों को तेजी से हिलाना
- किसी की तरफ ध्यान न देना
बच्चे के नाइट टेरर से बचाव के लिए माता- पिता को इन टिप्स को अपनाना चाहिए।
- अक्सर जो बच्चे नाइट टेरर को महसूस करने के बाद जल्दी सोने की कोशिश करते हैं। ऐसा अगर आपका भी बच्चा करता है तो उसे दोबारा जगाने की गलती न करें। नहीं तो इससे उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ सकता है।
- सोने से पहले ही बच्चे को बाथरूम जाने की आदत डाले ताकि बच्चे की नींद खराब न हो।
- बच्चे को खाली पेट सुलाने की जगह उसे भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाए।
- अगर बच्चा नाइट टेरर के बाद डर के मारे रोने लगता है तो उसे प्यार से गोद में लेकर चुप करवाए और खुश करने की कोशिश करें। फिर उसे गोद में लेकर सुलाए। ताकि बच्चा सुरक्षित महसूस करे।
- अपने बच्चे के सोने के टाइम में घर पर किसी भी तरह का कोई शोर न होने दें।
- अगर बच्चा सोने में जिद्द करता है तो उसे कोई कहानी, गाना या कविता सुनाएं।
- समय- समय पर बच्चे को बाहर घूमने लेकर जाए।