आज महावीर स्वामी की जयंती है। यह पर्व जैन धर्म के लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 25 अप्रैल दिन रविवार को है। स्वामी की जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे। उन्होंने जीवन में हमेशा सत्य, धर्म, अहिंसा, क्षमा और अपरिग्रह के रास्ते में चलने की सीख दी।
ऐसे मनाते हैं महावीर जयंती
इस दिन जैन धर्म के लोग जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना करके महावीर स्वामी को भोग लगाते हैं। कई जगह पर शोभा यात्राएं भी निकाली जाती हैं। लोग एक साथ मिलकर भगवान महावीर के जन्म की एक-दूसरे को बधाई देते व उनके सिद्धांतों व प्रेरणादायक विचारों पर चलने का संकल्प करते हैं। तो चलिए आज महावरी जयंती के शुभ अवसर पर हम आपको स्वामी जी के 5 प्रेरणादायक विचार बताते हैं, जिसे हमें अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है।
- अपरिग्रह
अपरिग्रह यानी किसी चीज को संचित ना करना। इसके लिए मन में किसी चीज का मोह नहीं होना चाहिए। महावीर स्वामी के अनुसार, चीजों को इकट्ठा करने में लगा रहता है, उसे दुखों से छुटकारा नहीं मिलता है।
- सत्य
भगवान महावीर के अनुसार, संसार में सत्य सबसे ऊपर है। ऐसे में जो इसे जान जाता है, वह मृत्यु को भी तैरकर पार कर लेता है। इसलिए महावीर स्वामी ने सभी को सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी।
- क्षमा
स्वामी जी ने क्षमा मांगना व करना दोनों के बारे में बताया है इसके बारे में स्वामी जी ने कहा है कि, उनका सभी जीवों से मैत्रीपूर्ण भाव है। ऐसे में मुझे किसी से कोई रोस नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा है कि, वे अपने द्वारा किए अपराधों की क्षमा मांगते है और दूसरों के अपराधों को माफ करते हैं।
- धर्म
भगवान महावीर स्वामी के अनुसार, मन में धर्म रहने से इंसान हमेशा धर्म के यानी सही रास्ते पर चलता है। ऐसे व्यक्ति को देवता भी नमस्कार करते हैं। स्वामी जी ने अहिंसा, तप और संयम को ही धर्म माना है।
- अहिंसा
भगवान महावीर ने लोगों को हमेशा हिंसा से दूर रहने व शांति से जीने का संदेश दिया है। साथ ही उन्होंने संसार के किसी भी जीव को दुख ना पहुंचाने व उनके प्रति दयाभाव रखने की प्रेरणा दी है।