देशभर में हर साल 11 नवंबर को National Education Day यानि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। मौलाना जी ने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक देश के शिक्षा मंत्री के तौर पर काम किया। भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2008 में मौलाना जी की जयंती के दिन को शिक्षा दिवस के रूप में मान्यता दी। तब से हर साल 11 नवंबर से इस दिन को शिक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
मौलाना जी ने देश की शिक्षा स्तर को बेहतर करने के लिए अपना बेहद योगदान दिया है। उनके कार्यकाल दौरान साल 1951 में देश की प्रथम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और साल 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई थी। ऐसे में हर साल इस खास इस दिन पर देशवासी राष्ट्र निर्माण में और शिक्षा प्रणाली की नींव रखने वाले मौलाना आजाद के योगदान को याद किया जाता है।
ऐसे मनाया जाती है मौलाना आजाद की जयंती
आज के दिन को मनाने के लिए स्कूलों में विभिन्न रोचक और सूचनात्मक सेमिनार, संगोष्ठियों, निबंध-लेखन आदि का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा स्कूलों में छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है। देशभर के कई स्कूलों और विश्वविद्यालयों में निबंध लेखन, वाद-विवाद और अन्य प्रतियोगिताएं भी की जाती है।
भारत रत्न से किया गया सम्मानित
भारत सरकार ने साल 1992 में मौलाना अबुल कलाम आजाद को देश के सबसे उच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। बता दें, मौलाना जी के सम्मान में भारत रत्न उनके मरणोपरांत बाद दिया गया था। मौलाना जी का निधन 22 फरवरी 1958 दिल्ली में हुआ था।