नवजात शिशु को संभालने में पेरेंट्स को कई छोटी-बड़ी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। वहीं शिशुओं को ज्यादातर पेट फूलने की समस्या रहती है। दरअसल, बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर होता हैं। ऐसे में अगर जब वे अधिक दूध पी लेते हैं तो उनका पेट फूलने लगता है। इसके कारण बच्चे को पेट में दर्द व कब्ज होने की परेशानी भी हो जाती है। ऐसे में आप बच्चे को इस समस्या से आराम दिलाने के लिए एक्सपर्ट द्वारा बताए कुछ कारगर उपाय अपना सकती है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
शिशु में पेट फूलने के लक्षण
. बच्चे का पेट सामान्य से बड़ा होना पेट फूलने का लक्षण माना जा सकता है।
. दूध पीने के बाद अगर शिशु रोए तो समझ जाएं कि उसके पेट में गैस बन गई है।
. अगर बच्चा दूध पीने में मना करें तो यह उसके पेट में गैस बनने व फूलने का इशारा करता है।
. शिशु को लगातार व लंबे समय से हिचकी या डकार आना भी पेट फूलने व गैस की समस्या होने का संकेट है।
. दूध पिलाते समय अगर शिशु उसे बाहर निकाल दे तो इसका मतलब है कि वह दूध पचा नहीं पा रहा है।
नवजात शिशु का पेट फूलने के कारण
नवजात शिशु के पेट फूलने का मुख्य कारण पेट में गैस बनने की समस्या होती है। वाष्प से बनने वाली गैस में कॉर्बन, डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन आदि गैस होती है। इसके कारण शिशु को पेट फूलने पर तेज दर्द का एहसास होता हैं। इसकी वजह से कई बार शिशु रोने भी लगते हैं।
इसलिए बनती है शिशु के पेट में गैस
बात अगर शिशु के पेट में गैस बनने की करें तो इसका कारण हैं शिशु को जल्दी-जल्दी दूध पिलाना। जी हां, तेजी से बच्चे को दूध पिलाने से शिशु का पेट फूलने व दर्द की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट अनुसार, छोटे बच्चों का पाचन तंत्र कमजोर होता है। ऐसे में वे जल्दी दूध को पचा नहीं पाते हैं। इसके साथ ही दूध में मौजूद लैक्टोज का ज्यादा सेवन करने से पेट फूलने की समस्या होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए शिशु को धीरे व रुक-रुक के दूध पिलाना चाहिए। इसके अलावा अगर बच्चे के रोने का मतलब उसके पेट में दर्द व गैस बनने का इशारा करता है। इस परिस्थित में उसे थोड़ी देर दूध ना पिलाएं।
नवजात शिशु का पेट फूलने की समस्या से ऐसे करें बचाव
. दूध पिलाने के बाद बच्चे की पीठ थपथपाएं। इससे उसे गैस की परेशानी नही होगी।
. दूध पिलाकर शिशु को कंधे पर लेकर थोड़ी घूमें ताकि उसे डकार आ सके। इससे उसे पेट फूलने व गैस की समस्या नहीं होगी।
. पेट की गैस दूर करने के लिए बच्चे की नाभि पर थोड़ी सी हींग लगाकर मसाज करें। इसके लिए हींग को पानी में गर्म करें। फिर उसे थोड़ा ठंडा करके क्रीम की तरह मसाज करते हुए बच्चे की नाभि पर लगाएं।
. शिशु को जल्दबाजी की जगह धीरे-धीरे दूध पिलाएं।
. एक ही समय बच्चे को ज्यादा दूध पिलाने से बचें। नहीं तो उसका पेट फूल सकता है।
इस समय करें डॉक्टर से संपर्क
अगर बच्चे का पेट कई दिनों तक फूला रहें। इसके साथ ही उसे बुखार, दस्त व उल्टी आने की समस्या हो तो बिना देरी किए उसे डॉक्टर के पास लेकर जाए।
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